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आने वाले कुछ सप्‍ताह में आतंकी घटनाओं से हिल सकता है पाकिस्‍तान, विशेषज्ञों ने किया आगाह

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ समय में पाकिस्‍तान में आतंकी घटनाओं में इजाफा हो सकता है। पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद का भी कहना है कि अगस्‍त 2021 से देश में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 07:55 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:35 PM (IST)
आने वाले कुछ सप्‍ताह में आतंकी घटनाओं से हिल सकता है पाकिस्‍तान, विशेषज्ञों ने किया आगाह
पाकिस्‍तान में बढ़ सकती हैंं आतंकी घटनाएं

इस्‍लामाबाद (एएनआई)। पाकिस्‍तान में आने वाले दिनों में आतंकी घटनाओं में और अधिक इजाफा हो सकता है। हाल के दिनों में बढ़ी आतंकी घटनाओं के मद्देनजर स्‍थानीय मीडिया ने इस संबंध में विशेषज्ञों के हवाले से ये बात कही है। पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद सरकार पूरी तरह से सतर्क है और सभी एजेंसियों से भी पूरी तरह से अलर्ट रहने को कहा गया है। उनके मुताबिक ये अलर्ट लाहौर के अनारकली इलाके में हुए धमाके के बाद किया गया है। इस धमाके तीन लोगों की मौत हुई है जबकि 26 अन्‍य घायल हुए हैं।

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पाकिस्‍तान के अखबार द डान ने ग्रोइंग टेररिज्‍म थ्रिएट्स शीर्षक से एक ओपेनियन भी प्रकाशित किया है जिसमें बढ़ती आतंकी घटनाओं और तहरीक एक तालिबान (टीटीपी) पर चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से पाकिस्‍तान में टीटीपी की आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। केंद्रीय मंत्री राशिद ने शनिवार को कहा था कि देश में 15 अगस्‍त 2021 के बाद से आतंकवाद की घटनाओं में करीब 35 फीसद का इजाफा हुआ है। लेकिन इस तरह की घटनाएं देश को तोड़ नहीं सकती हैं न ही देश और सेना को कमजोर कर सकती हैं।

राशिद ने ये भी कहा कि जिन छोटे-छोटे आतंकी समूहों को तालिबान ने हराया है वो समूह पाकिस्‍तान में भय का वातावरण बनाना चाहते हैं। पाकिस्‍तान में अखबार द डान में पाकिस्‍तान के सुरक्षा विशेषज्ञ मुहम्‍मद आमिर राणा ने लिखा है कि ये ग्रुप पाकिस्‍तान में डर व्‍याप्‍त करना चाहते हैं। यदि आने वाले दिनों में देश में और आतंकी घटनाएं हुईं तो एक बार फिर से सड़कों पर बैरिकेट भी दिखाई देने लगेंगे। पिछले कुछ समय में सिक्‍योरिटी चेक प्‍वाइंट्स काफी कम हो गए थे। राणा ने ये भी कहा है कि पाकिस्‍तान में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाला संगठन केवल टीटीपी ही नहीं है बल्कि कुछ दूसरे ग्रुप भी हैं जिनको अल कायदा और ईस्‍ट तुर्कीस्‍तान इस्‍लामिक मूवमेंट का समर्थन मिल रहा है।

पाकिस्‍तान के सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच यहां तक बहस छिड़ी हुई है कि टीटीपी अलकायदा और ईटीआईएम के बीच कोई गुप्‍त समझौता हो गया है। इस समझौते की वजह कहीं न कहीं कूटनीतिक विवाद है। इनका मानना है कि पाकिस्‍तान को इनसे निपटने के लिए अलग तरह की सोच और रणनीति अपनानी होगी, जिससे लोगों का जीवन बचाया जा सके।


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