Move to Jagran APP

फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में थम नहीं रहा गुस्‍सा, बांग्‍लादेश में पैगंबर के कार्टून के विरोध में सड़कों पर उमड़ा हुजूम

पैगंबर मोहम्‍मद साहब (Prophet Muhammad ) के कार्टून के विरोध में फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दुनिया के कई मुल्‍कों में मुस्लिम समुदाय फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 04:48 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 05:13 PM (IST)
फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में थम नहीं रहा गुस्‍सा, बांग्‍लादेश में पैगंबर के कार्टून के विरोध में सड़कों पर उमड़ा हुजूम
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पैगंबर के कार्टून के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग...

ढांका/पेरिस, एजेंसियां। पैगंबर मोहम्‍मद साहब के कार्टून के विरोध में फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दुनिया के कई मुल्‍कों में मुस्लिम समुदाय फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान कर रहा है। सबसे ज्‍यादा आपत्ति फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के इस्‍लाम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर है। मैक्रों ने कहा था कि कि इस्‍लाम संकट में है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मंगलवार को लगभग 10,000 लोगों ने पैगंबर के कार्टून के विरोध में जुलूस निकाला। लोगों ने फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार की गुजारिश की...

loksabha election banner

उधर, पाकिस्तान ने पैंगंबर के कार्टून के प्रकाशन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर तीखा विरोध जताया। पाकिस्‍तान ने सोमवार को फ्रांसीसी राजदूत मार्क बरेती को तलब कर कड़ी नाराजगी जताई। यही नहीं पाकिस्‍तान की संसद ने सरकार से पेरिस से अपना दूत वापस बुलाने तक की मांग कर डाली। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया भर में मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करते हैं। ऐसे कदमों को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।

आलम यह है कि कुवैत में तमाम स्टोरों से फ्रांसीसी वस्तुओं को हटा लिया गया है। यहां तक कि कतर विश्‍वविद्यालय ने फ्रांसीसी सांस्कृतिक सप्ताह को ही रद कर दिया है। सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात में लोगों से कैरेफोर ग्रोसरी स्टोर चेन से दूर रहने की गुजारिश की गई है। इन बहिष्‍कारों का कोई बड़ा असर तो नहीं देखा जा रहा है, लेकिन इस तरह के विरोध ने दुनियाभर में एक माहौल तो बना ही दिया है। बीते दिनों तुर्की, बांग्लादेश और गाजा पट्टी में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।

उल्‍लेखनीय है कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब पेरिस के पास 16 अक्टूबर को फ्रांस में किसी क्‍लास में पैगंबर का कार्टून दिखाने पर एक फ्रांसीसी शिक्षक की किसी कट्टरपंथी ने सिर काटकर हत्या कर दी थी। इस घटना को लेकर फ्रांस के लोगों में भारी आक्रोश था। नतीजतन फ्रांस के एक शहर की इमारत पर पैगंबर का कार्टून प्रदर्शित कर दिया गया। यही नहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कह दिया कि वह इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा को रोकने के लिए दोगुनी कोशिश करेंगे। इसके बाद शुरुआत तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने की और देशवासियों से फ्रांसीसी सामान नहीं खरीदने अपील की।

एर्दोगान ने कहा कि इमैनुअल मैक्रों के मानसिक जांच की जरूरत है। इसके बाद तो दुनियाभर में एक के बाद एक बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया। मलेशिया ने कहा है कि वह मुस्लिमों के प्रति बढ़ती आक्रामकता से चिंतित है। ढाका में एक इस्‍लामि‍क समूह के बैनर तले लगभग 10 हजार लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे और फ्रांस का बहिष्कार करो और दुनिया के सभी मुसलमानों एकजुट हो जाओ, जैसे नारों के साथ लोगों ने आवाज बुलंद की। यही नहीं, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर भी लाए थे... 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.