Move to Jagran APP

तालिबान के यूएनजीए में भाग लेने की संभावना नहीं, 27 सितंबर को है अफगान प्रतिनिधि का संबोधन

अफगानिस्तान की चुनी हुई अशरफ गनी सरकार को हटाकर कब्जा करने वाली तालिबान सरकार के प्रतिनिधि की संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में बोलने की संभावना नहीं है। पूर्व की चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर राजनयिक अभी भी कार्य कर रहे हैं।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 06:51 PM (IST)
तालिबान के यूएनजीए में भाग लेने की संभावना नहीं, 27 सितंबर को है अफगान प्रतिनिधि का संबोधन
तालिबान के यूएनजीए में भाग लेने की संभावना नहीं। (फोटो- एएनआइ)

इस्लामाबाद, प्रेट्र। अफगानिस्तान की चुनी हुई अशरफ गनी सरकार को हटाकर कब्जा करने वाली तालिबान सरकार के प्रतिनिधि की संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में बोलने की संभावना नहीं है। पूर्व की चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर राजनयिक अभी भी कार्य कर रहे हैं। यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट से मिली है। इस संबंध में तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस को एक पत्र लिखकर यूएनजीए के 76 वें सत्र में भाग लेने का आग्रह किया था। अफगानिस्तान के बोलने के लिए 27 सितंबर का समय नियत है।

loksabha election banner

डान अखबार के मुताबिक, एक सप्ताह पहले पूर्व की चुनी हुई सरकार के संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि गुलाम इसाकजई ने महासचिव गुतेरस को पत्र लिखा था कि वह और उनकी टीम अफगानिस्तान के मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि के तौर पर यहां काम कर रहे हैं। अभी भी यूएनजीए की बैठक में वह प्रतिनिधित्व करने के पात्र हैं। जब तक मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि का चयन नहीं हो जाता, वह ही वास्तविक प्रतिनिधि हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रतिनिधि स्टीफन दुजारिक ने दोनों पत्र मिलने की पुष्टि की है। इसका फैसला यूएनजीए की मान्यता देने वाली समिति करेगी। पाक मीडिया के अनुसार समिति तीन-चार दिन में इस विवाद को हल नहीं कर पाएगी। ऐसी स्थिति में तालिबान के प्रतिनिधि के संबोधन की संभावना नहीं है। इसने कहा कि गुतेरस के कार्यालय ने मालदीव के महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के साथ परामर्श के बाद समिति को दोनों पत्र भेजे हैं।

समिति के वर्तमान सदस्यों में अमेरिका, रूस, चीन, बहामास, भूटान, चिली, नामीबिया, सिएरा लियोन और स्वीडन शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका वैध अफगान सरकार के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने के तालिबान के अनुरोध का समर्थन करने की जल्दी में नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार वे तालिबान के अनुरोध से अवगत हैं, लेकिन इसपर विचार-विमर्श में 'कुछ समय लगेगा'।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.