सीमा विवाद पर पाकिस्तान- अफगानिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, तालिबान ने कहा- नहीं करने देंगे डूरंड रेखा के करीब बाड़बंदी
सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान को डूरंड रेखा के आसपास किसी भी प्रकार की बाड़बंदी नहीं करने दी जाएगी।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान को डूरंड रेखा के आसपास किसी भी प्रकार की बाड़बंदी नहीं करने दी जाएगी। तालिबान कमांडर मौलवी सनाउल्ला संगीन ने 'टोलो न्यूज' से बुधवार को कहा, 'हम कभी, किसी भी तरीके की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देंगे। पाकिस्तान ने पहले जो भी किया, वह कर लिया। अब कोई बाड़बंदी नहीं होगी।' संगीन का यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि मामले का कूटनीतिक माध्यम से शांतिपूर्ण हल निकाल लिया जाएगा।
अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के तेवर तल्ख
आइएएनएस के अनुसार, सनाउल्ला ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना कूनार प्रांत में लंबे समय से हमले करती रही है, लेकिन अब अफगानिस्तान उसका मुंहतोड़ जवाब देने लगा है। पिछले दिनों पाकिस्तानी सैनिकों ने कुछ मोर्टार दागे थे, जवाब में हमने 32 राउंड मोर्टार दागे। पाकिस्तानी सैनिकों पर नजर रखने के लिए सीमा के करीब 30 से अधिक सैन्य चौकियों का निर्माण किया जा रहा है।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई बार झड़पें
उल्लेखनीय है कि डूरंड रेखा अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच 2,670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसका नामकरण वर्ष 1893 में सीमा निर्धारण करने वाले ब्रिटिश नौकरशाह मार्टिमर डूरंड के नाम पर किया गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा को लेकर कई बार झड़पें हो चुकी हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की आपत्तियों के बावजूद सीमा पर बाड़बंदी का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। अफगानिस्तान का कहना है इस सीमाबंदी ने दोनों तरफ के कई परिवारों को बांट दिया है।
महिलाओं की खेल गतिविधियों पर लगाया प्रतिबंध
एएनआइ के अनुसार, काबुल के कई स्पोर्ट्स क्लब के संचालकों का कहना है कि तालिबान ने महिलाओं की खेल गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक स्पोर्ट्स क्लब के प्रमुख हाफिजुल्ला अबासी ने टोलो न्यूज से कहा, 'क्लब में महिलाओं की खेल गतिविधियों के लिए पहले भी अलग व्यवस्था थी और अब भी अलग बंदोबस्त है, इसके बावजूद तालिबान उन्हें खेल गतिविधियों की इजाजत नहीं दे रहा है।'