Daniel Pearl Murder: उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पाक SC पहुंची सिंध सरकार
अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या में सिंध सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रांतीय उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान की सिंध सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रांतीय उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। जिसमें 2002 में कराची में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या में ब्रिटिश मूल के शीर्ष-अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य को बरी कर दिया था। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए 38 वर्षीय दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख पर्ल का अपहरण कर लिया गया था जब वह पाकिस्तान में 2002 में देश की शक्तिशाली जासूसी एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच कथित संबंधों पर एक कहानी की जांच कर रहे थे। दक्षिणी प्रांत सिंध की सरकार ने बुधवार को सिंध हाईकोर्ट के 2 अप्रैल के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनौती पेश की।
उच्च न्यायालय ने पर्ल की हत्या के लिए शेख को दोषी ठहराया। इसने फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब जैसे तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया जिन्हें पहले कराची के आतंकवाद-रोधी न्यायालय (एटीसी) द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पर्ल के कत्ल वाला एक ग्राफिक वीडियो एक महीने बाद अमेरिका के वाणिज्य दूतावास को दिया गया था। इसके बाद उमर शेख को 2002 में गिरफ्तार किया गया और ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई।
सिंध उच्च न्यायालय ने आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) द्वारा शेख को सुनाई गई मौत की सजा को पलट दिया और तीन अन्य दोषियों फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया। सिंध के महाभियोजक फयाज शाह ने इस आधार पर शीर्ष न्यायालय में अपील दायर की कि अंतिम बार देखने संबंधी साक्ष्य, वेष बदलना और पहचान परेड आरोपियों के खिलाफ साबित हुई।
इसके अलावा अपील में कहा गया है कि पत्रकार की हत्या करते हुए दिखाने वाले वीडियो की एक सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की थी और इसे कभी चुनौती नहीं दी गई। अपील में कहा गया है कि आरोपी अभियोजन द्वारा पेश किए गए सबूतों के खिलाफ कोई शक पैदा करने वाली सामग्री पेश करने में नाकाम रहे।