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शर्मनाक! मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाने वाला पाकिस्‍तान 5वीं बार बना है UNHRC का सदस्‍य

पाकिस्‍तान को संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्‍य चुना गया है। वो पांचवीं बार इसका सदस्‍य चुना गया है। ये ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिन पहले कई देशों में पाकिस्‍तान की सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 03:03 PM (IST)
शर्मनाक! मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाने वाला पाकिस्‍तान 5वीं बार बना है UNHRC का सदस्‍य
पांचवींं बार संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्‍य बना है पाकिस्‍तान

इस्‍लामाबाद (पीटीआई)। संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्‍तान का चुना जाना किसी मजाक से कम नहीं है। पाकिस्तान इस परिषद के लिए पांचवीं बार चुना गया है। ये हाल तब है जब कुछ ही समय पहले कनाडा, ब्रिटेन और पाकिस्‍तान में भी वहां की सरकार और सेना के खिलाफ जबरदस्‍त प्रदर्शन हुए हैं। इतना ही नहीं जिस पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूंख्‍वां से गायब हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता इदरिस खटक का साल भर बाद भी कुछ पता नहीं चल सका है। इदरिस एमनेस्‍टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वाच के कार्यकर्ता हैं। इसको लेकर एमनेस्‍टी इंटरनेशनल ने भी पाकिस्‍तान की सरकार को कई बार लिखा है। इसके अलावा उनकी बेटी कई महीनों से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन पर बैठी है। लेकिन अफसोस की बात है कि ये सब कुछ पाकिस्‍तान को इस परिषद का सदस्‍य चुनते हुए नहीं देखा गया।

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आपको बता दें कि पाकिस्‍तान का हितैषी भी इस परिषद का सदस्‍य चुना गया है। चीन का भी हाल मानवाधिकार के बारे में कुछ अलग नहीं है। चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ हुए दुर्व्‍यवहार को पूरी दुनिया बखूबी जानती है। इनर मंगोलिया में जबरन मैंडरिन को थोपने की बात हो या तिब्‍बत में वहां के मूल निवासियों पर किए गए अत्‍याचारों की बात हो या फिर हांगकांग में आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने की बात हो सभी में चीन अव्‍वल रहा है। इसके बावजूद चीन को भी इस परिषद का सदस्‍य चुना गया है। हालांकि अमेरिका ने इसको लेकर अपनी नाराजगी साफतौर पर जाहिर की है। अमेरिका का कहना है कि मानवाधिकारों को लेकर चीन का रिकार्ड बेहद खराब रहा है। कुछ ही दिन पहले अमेरिका, कनाडा और यूरोप के मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से चीन, रूस, सऊदी अरब, क्यूबा, पाकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान के निर्वाचन का विरोध करने का आह्वान किया था। इनका कहना था कि इन देशों का मानवाधिकार रिकॉर्ड उन्हें इसके लिये अयोग्य करार देता है।

अमेरिका की ह्यूमन राइट वाच ने तो अपनी एक रिपोर्ट में यहां तक लिखा था कि इदरिस खटक की तलाश करने को वहां की सरकार की इच्‍छुक नहीं है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च मानवाधिकार निकाय के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र की चार सीटों पर पांच उम्मदवारों में से पाकिस्तान को सर्वाधिक मत मिले हैं। दरअसल, इसके चुनाव के लिए संयक्त राष्ट्र महासभा में गुप्त मतदान किया गया था। इसमें पाकिस्तान को 169 वोट मिले। इसके बाद उज्बेकिस्तान को 164, नेपाल को 150 और चीन को 139 मत मिले। 193 सदस्यीय महासभा में सऊदी अरब को केवल 90 वोट ही मिल सके और वो इस दौड़ से बाहर हो गया।

आपको बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद की स्थापना 2006 में हुई थी। मानवाधिकार परिषद के नियमों के तहत भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को सीटें आवंटित की जाती हैं। इस परिषद में कुल 47 सदस्य होते हैं। इसके 15 सदस्यों का चुनाव पहले ही हो चुका था क्योंकि अन्य सभी क्षेत्रीय समूह के सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। रूस और क्यूबा पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। हालांकि पाकिस्तान पहले से ही इस परिषद का सदस्‍य है। वर्तमान में चयन होने के बाद उसका कार्यकाल बढ़ गया है। उसका दूसरा कार्यकाल जनवरी 2021 से शुरू होगा। इससे पहले वो 2018 में चुना गया था, जिसका कार्यकाल दिसंबर 2020 तक है।

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