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Shaheed Diwas 2019: पाकिस्तान में मनाया गया भगत सिंह का 88वां शहीद दिवस

लाहौर सेंट्रल जेल में 23 मार्च 1931 को भगत सिंह राजगुरू और सुखदेव को फांसी दी गई थी। भगत सिंह के प्रति जितनी दीवानगी भारत में है उतनी ही दीवानगी भगत सिंह को लेकर पाकिस्तान में है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 07:56 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 08:01 AM (IST)
Shaheed Diwas 2019: पाकिस्तान में मनाया गया भगत सिंह का 88वां शहीद दिवस
Shaheed Diwas 2019: पाकिस्तान में मनाया गया भगत सिंह का 88वां शहीद दिवस

लाहौर, पीटीआइ। स्वाधीनता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के 88वें शहीद दिवस पर पाकिस्तान के लाहौर में शनिवार को मोमबत्ती जलाकर याद किया गया। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच इस कार्यक्रम का आयोजन लाहौर के 'भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन' ने किया।

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आयोजकों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर उन्हें कुछ धार्मिक चरमपंथियों से खतरे की आशंका थी। कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने इस मौके पर तीनों क्रांतिकारियों के योगदान को सराहा और भारत-पाकिस्तान के बीच शांति का आह्वान किया। फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने कहा, 'इन तीनों क्रांतिकारियों जैसे लोग सदियों में पैदा होते हैं। हमें नफरत से लड़ना चाहिए और दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देना चाहिए।'

इस मौके पर न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट का मौन भी रखा गया। मालूम हो कि भगत सिंह को 23 वर्ष की उम्र में राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च, 1931 को लाहौर में ही फांसी दे दी गई थी। इसके बाद उनसे प्रेरणा लेकर हजारों लोग स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हो गए थे।


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