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भारत-पाकिस्‍तान के बीच संघर्षविराम को 100 दिन पूरे होने पर पाक ने फिर अलापा जम्‍मू-कश्‍मीर का राग

भारत-पाकिस्‍तान की सेनाएं 25 फरवरी को जम्मू-कश्मीर से लगती नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते को कड़ाई से लागू करने पर सहमत हुई थीं। इसके बाद से एलओसी पर हालात कुछ सुधरे हैं। हालांकि ऐसा कितने दिन चलता है ये कह पाना बेहद मुश्किल है।

By TilakrajEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 07:57 AM (IST)
भारत-पाकिस्‍तान के बीच संघर्षविराम को 100 दिन पूरे होने पर पाक ने फिर अलापा जम्‍मू-कश्‍मीर का राग
पाकिस्‍तान ने फिर अलापा जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले को अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर हल करने का राग

 इस्लामाबाद, पीटीआइ। भारत और पाकिस्‍तान के बीच संघर्ष विराम समझौते को 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस मौके पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम होने से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति लाने में मदद मिली है। वहीं, भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष-विराम का लंबे समय तक कायम रहना, पड़ोसी देश की गतिविधियों पर निर्भर करता है।

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नियंत्रण रेखा पर शांति लाने में मदद मिली

बता दें कि भारत-पाकिस्‍तान की सेनाएं 25 फरवरी को जम्मू-कश्मीर से लगती नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते को कड़ाई से लागू करने पर सहमत हुई थीं। इसके बाद से एलओसी पर हालात कुछ सुधरे हैं। हालांकि, ऐसा कितने दिन चलता है, ये कह पाना बेहद मुश्किल है। पाकिस्‍तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम लागू होने के 100 दिन पूरे होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमारा मानना है कि इससे नियंत्रण रेखा पर शांति लाने में मदद मिली है, जिससे एलओसी के दोनों ओर रह रहे कश्मीरियों को कुछ राहत मिली।

फिर अलापा जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले को अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर हल करने का राग

दोनों देशों के बीच शांति के लिए और पहल करने के सवाल पर चौधरी ने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत को सार्थक और नतीजापरक वार्ता के लिए माहौल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम लगातार कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा है व इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव और कश्मीरियों की इच्छाओं के अनुरूप होना चाहिए।'


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