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गिलगित बाल्टिस्‍तान चुनाव: मतदान में दिखा जनता का विरोध, रुझानों में किसी दल को नहीं मिला पूर्ण बहुमत

शुरुआती रुझानों में यहां किसी दल को पूर्ण बहुमत को मिलता नहीं दिख रहा है। हालांकि इस चुनाव में पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) चुनाव में गिलगित बाल्टिस्‍तान के 24 सीटों में से आठ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। छह निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्‍याशियों ने अपनी बढ़त बनाई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 10:31 AM (IST)
गिलगित बाल्टिस्‍तान चुनाव: मतदान में दिखा जनता का विरोध, रुझानों में किसी दल को नहीं मिला पूर्ण बहुमत
गुलाम कश्‍मीर का हिस्‍सा गिलगित बाल्टिस्‍तान के विवादास्‍पद चुनाव की फाइल फोटो।

इस्‍लामाबाद, एजेंसी। गुलाम कश्‍मीर का हिस्‍सा गिलगित बाल्टिस्‍तान का विवादास्‍पद चुनाव आखिरकार संपन्‍न हो गया। शुरुआती रुझानों में यहां किसी राजनीतिक पार्टी को पूर्ण बहुमत को मिलता नहीं दिख रहा है। हालांकि, इस चुनाव में पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) चुनाव में गिलगित बाल्टिस्‍तान के 24 सीटों में से आठ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। छह निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्‍याशियों ने अपनी बढ़त बनाए हुए है। पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल-एन) दो निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़त बनाए हुए है। जमीयत उलेमा-ए इस्लाम (एफ) (JUI-F) एक निर्वाचन क्षेत्र में आगे चल रही है।

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पाक सरकार के फैसले के खिलाफ स्‍थानीय स्‍तर पर हुआ विरोध

बता दें कि तमाम विरोध के बावजूद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति को बदलने के लिए अस्थायी-प्रांतीय दर्जा देने की घोषणा की थी। इमरान सरकार के इस फैसेले के विरोध में गिलगित-बाल्टिस्तान में खुब विरोध हुआ। यहां के लोगों का कहना है कि वे अपने क्षेत्र में पाकिस्तान की भागीदारी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इसका असर मतदान में भी द‍िखा। किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। उधर, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने एक बार फ‍िर मांग की है कि सत्तारूढ़ पीटीआई के उम्मीदवारों को चुनाव में धांधली के आरोप में अयोग्य घोषित किया जाए।

कोरोना महामारी के कारण स्थगित हुआ था चुनाव

पाकिस्‍तान में विपक्ष के कड़े विरोध के वाबजूद गिलगिट-बाल्टिस्‍तान में मतदान की प्रक्रिया संपन्‍न हो गई। गिलगिट-बाल्टिस्‍तान में मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मतदान रविवार की सुबह आठ बजे से शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक बिना किसी ब्रेक के जारी रहा। गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव 18 अगस्त को होने थे, लेकिन 11 जुलाई को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने इस चुनाव प्रक्रिया को विरोध किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कथित रूप गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति को बदलने का कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान सरकार का यह कदम पूरी तरह से गैर-कानूनी और गैर जिम्‍मेदाराना है।

विधानसभा की 23 सीटों पर 330 उम्‍मीदवार

बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान की 24 विधानसभा सीटों पर केवल 23 सीटों पर मतदान हुा। चुनाव मैदान में 330 उम्‍मीदवार हैं। चार महिलाएं भी चुनावी मैदान में हैं। चुनावी मैदान में पीपीपी ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि पीएमएल-एन में 21 प्रत्‍याशी मैदान में हैं। यहां कुल 1,141 मतदान केंद्रों में से 577 को संवेदनशील और 297 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। गिलगित-बाल्टिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान के 15,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है। हालांकि, चुनाव में सेना की तैनाती नहीं की गई है।


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