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बागी सांसदों को आजीवन अयोग्य ठहरा कर सरकार बचाना चाहते हैं इमरान, विपक्षी दलों ने वैकल्पिक रणनीति पर शुरू किया काम

विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर घिरे इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से पूछा है कि क्या सत्तारूढ़ पीटीआइ के बागी सांसदों को आजीवन अयोग्य करार दिया जा सकता है। वहीं विपक्ष ने वैकल्पिक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Mar 2022 09:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Mar 2022 07:55 AM (IST)
बागी सांसदों को आजीवन अयोग्य ठहरा कर सरकार बचाना चाहते हैं इमरान, विपक्षी दलों ने वैकल्पिक रणनीति पर शुरू किया काम
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सत्‍ता में बने रहने के लिए हर उपाय आजमा रहे हैं।

इस्लामाबाद, रायटर। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पूर्व पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से पूछा है कि क्या सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी के बागी सांसदों को आजीवन अयोग्य करार दिया जा सकता है। 25 बागी सांसदों को आजीवन अयोग्य ठहराते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान जहां एक कठोर संदेश देना चाहते हैं, वहीं नेशनल असेंबली के बदले हुए आंकड़ों के लिए बीच उनके लिए बहुमत साबित करना आसान हो सकता है। इस बीच, विपक्षी दलों ने भी वैकल्पिक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद अटार्नी जनरल खालिद जावेद खान ने संवाददाताओं से कहा, 'सरकार ने राय मांगी कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी के बागी व पाला बदलने वाले सांसदों को आजीवन अयोग्य करार दिया जा सकता है... उनके मत का क्या महत्व होगा और उनके मत को गिना जाएगा अथवा नहीं।' एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, याचिका में पूछा गया है कि संविधान व कानून के अंतर्गत बागी होने, पाला बदलने और क्रास वोटिंग पर अंकुश के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

विपक्ष ने बनाई वैकल्पिक रणनीति

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, संयुक्त विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने अविश्वास प्रस्ताव गिरने की स्थिति में इमरान के खिलाफ राजनीतिक आंदोलन जारी रखने के लिए वैकल्पिक रणनीति भी बनाई है। प्लान बी के अनुसार, अगर अविश्वास प्रस्ताव गिरता है, तो विपक्षी दल इमरान से संसद में तत्काल विश्वास मत हासिल करने को कहेंगे। प्लान सी के तहत, दोनों रणनीति विफल रहती है, तो विपक्ष मामले को सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग के पास ले जाएगा।

क्‍या कहता है मौजूदा सियासी गणित

उल्लेखनीय है कि आठ मार्च को विपक्षी दलों के 100 से ज्यादा सांसदों ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। स्पीकर ने इस पर मतदान के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है। इमरान को 342 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करने के लिए 172 मतों की जरूरत होगी। सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली पीटीआइ के नेशनल असेंबली में 155 व अन्य छह दलों के 23 सदस्य हैं। निचले सदन में विपक्षी दलों के संयुक्त रूप से 163 सांसद हैं और उन्हें उम्मीद है कि पीटीआइ के बागी 25 सांसद उनका साथ दे सकते हैं।

विपक्ष ने 'धार्मिक कार्ड' के इस्तेमाल के लिए इमरान को कोसा

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, विपक्षी दलों ने इमरान खान पर 'धार्मिक कार्ड' के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए उनकी कड़ी आलोचना की। डान अखबार के अनुसार, विपक्ष ने आरोप लगाया कि इमरान सरकार इंटरनेट मीडिया पर पाकिस्तानी सेना की तटस्थता के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इमरान राजनीति के लिए इस्लाम का इस्तेमाल न करें और पाकिस्तान को मदीना स्टेट बताना छोड़ दें। 


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