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देशद्रोह मामले में मुशर्रफ के खिलाफ 24 से रोजाना सुनवाई, आपातकाल थोपने का आरोप

नवंबर 2007 में पाकिस्तान पर आपातकाल थोपने के आरोप में 2013 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 05:31 PM (IST)
देशद्रोह मामले में मुशर्रफ के खिलाफ 24 से रोजाना सुनवाई, आपातकाल थोपने का आरोप
देशद्रोह मामले में मुशर्रफ के खिलाफ 24 से रोजाना सुनवाई, आपातकाल थोपने का आरोप

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ (Former Pakistan President Pervez Musharraf) के खिलाफ चल रहे देशद्रोह मामले (Treason Case) की 24 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई होगी। यह निर्णय विशेष अदालत (Special Court) ने लिया है। इस अदालत में यह मामला दिसंबर, 2013 से लंबित है।

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नवंबर, 2007 में पाकिस्तान पर आपातकाल थोपने के आरोप में 2013 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में घिरते देख इलाज के बहाने मुशर्रफ 18 मार्च, 2016 को दुबई चले गए थे। तब से वह अपने मुल्क नहीं लौटे।

मुशर्रफ के वकील ने दिया सेहत का हवाला 

डॉन अखबार के अनुसार, विशेष अदालत के जज वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की। इस पीठ ने सभी पक्षों को अगली सुनाई से पहले अपना लिखित बयान दाखिल करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान मुशर्रफ की ओर से पेश हुए वकील राजा बशीर ने एक अर्जी दाखिल की और अपनी सेहत का हवाला देकर मामले की सुनवाई आगे बढ़ाने की अपील की। अर्जी में बशीर ने बताया कि वह डेंगू से पीड़ित हैं। इस पर कोर्ट ने मंजूरी दे दी। इस मामले की पिछली सुनवाई गत 24 सितंबर को हुई थी।

2016 में मुशर्रफ ने पाकिस्तान छोड़ा

बता दें कि 31 मार्च, 2014 को परवेज मुशर्रफ को दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष ने उन्हें मामले में दोषी ठहराया। उसी वर्ष सितंबर में विशेष अदालत के समक्ष पूरे सबूत पेश किए थे। हालांकि, मार्च 2016 में मुशर्रफ ने पाकिस्तान छोड़ दिया था।

राजद्रोह के दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास

इससे पहले पाकिस्तान की विशेष कोर्ट ने पूर्व सैन्य शासक को अपराधी घोषित करने के बाद उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था। बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने 1999 से लेकर 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। वहीं पाकिस्तानी कानून के मुताबिक राजद्रोह के दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।


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