पाक में लड़कियों की शादी योग्य उम्र 18 साल तय, सांसदों ने कानून को शरीयत के खिलाफ बताया
पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने बाल विवाह रोकने के लिए एक बिल पारित किया है। इसमें लड़कियों के निकाह योग्य होने की उम्र 18 साल तय की गई है।
इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने बाल विवाह रोकने के लिए एक बिल पारित किया है। इसमें लड़कियों के निकाह योग्य होने की उम्र 18 साल तय की गई है। मुस्लिम बहुल देश के कई सांसदों ने इसका विरोध करते हुए इसे इस्लाम के खिलाफ बताया है। बता दें कि कई अन्य मुस्लिम देशों में भी लड़कियों की विवाह योग्य उम्र 18 साल तय है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सांसद शेरी रहमान ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 1929 में संशोधन के लिए बिल पेश किया था। इससे देश में प्रचलित बाल विवाह की प्रथा को खत्म करने में मदद मिलेगी। इस बिल को सोमवार को सांसदों के बीच हुई तीखी बहस के बाद पारित कर दिया गया। सांसद गफूर हैदरी ने अपना विरोध जाहिर करते हुए कहा, 'निकाह योग्य उम्र 18 साल तय करना शरीयत के खिलाफ है।
सांसद हैदरी के मुताबिक, इस बिल को चर्चा के लिए इस्लामिक विचारधारा परिषद (आइआइसी) के पास भेजा जा सकता है।' धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल कादरी ने कहा कि इसी तरह का एक बिल 2010 में आइआइसी के पास भेजा गया था जिसे परिषद ने वापस कर दिया था। सांसद राजा रब्बानी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि सिंध विधानसभा भी इसी तरह का बिल पारित कर चुकी है। इसका कोई विरोध नहीं हुआ था।