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जमीन से लेकर आसमां तक पाक को दिखता है केवल भारत, अब मढ़ा अंतरिक्ष में मलबे का दोष

पाकिस्‍तानी मंत्री फवाद चौधरी हमेशा अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं अब अंतरिक्ष में मलबे को लेकर भी भारत को नोटिस देने की मांग दे रहे हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 05:05 PM (IST)
जमीन से लेकर आसमां तक पाक को दिखता है केवल भारत, अब मढ़ा अंतरिक्ष में मलबे का दोष
जमीन से लेकर आसमां तक पाक को दिखता है केवल भारत, अब मढ़ा अंतरिक्ष में मलबे का दोष

इस्‍लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्‍तान को जमीन से लेकर आसमान तक भारत के अलावा कोई और नजर नहीं आ रहा है। भारत द्वारा चंद्रयान 2 को अंतरिक्ष में भेजने की बात पाकिस्‍तान को शुरू से ही हजम नहीं हो पा रही है। इस मिशन की असफलता के बाद पाकिस्‍तान के मंत्री फवाद चौधरी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए। इसमें उन्होंने लिखा, ‘डियर इंडिया, जो काम नहीं आता उसमें पंगा नहीं लेते। खिलौना मून की जगह मुंबई में उतर गया होगा। मैं वाकई यह महान लम्हा देखने से चूक गया।’

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दरअसल, नासा ने भारत के चंद्रयान 2 मिशन के लैंडर विक्रम के मलबे को चंद्रमा की सतह पर देखे जाने की बात कही। इसके तुरंत बाद मंगलवार को पाकिस्‍तान की ओर से अंतरिक्ष में जमा मलबे का ठीकरा भारत पर फोड़ते हुए अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों से नोटिस देने की बात कह दी। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी अपने विवादित बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं। इन्‍हें तो भारत से चंद्रमा पर भेजेजाने वाले मिशन चंद्रयान 2 शुरू से ही हजम नहीं हो पा रहा।

पाकिस्‍तान के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों से कहा कि भारत के गैरजिम्‍मेदार अंतरिक्ष मिशन के लिए नोटिस दिया जाए। उन्‍होंने ट्वीट में लिखा, ‘अंतरिक्ष में जमा मलबे का मुख्‍य स्रोत भारत है। अपने गैरजिम्‍मेदार अंतरिक्ष मिशन से भारत पूरे इकोसिस्‍टम के लिए खतरा पैदा कर रहा है। इसलिए अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों द्वारा गंभीर तौर पर नोटिस भेजे जाने की जरूरत है।’

मंत्री फवाद चौधरी पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी हैं। नासा ने कहा कि इसके स्‍पेसक्राफ्ट को चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम का मलबा चांद की सतह पर मिला है। नासा के इस बयान के बाद ही मंत्री फवाद चौधरी ने भारत पर आरोप लगाते हुए अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों से नोटिस देने की मांग की।

पाकिस्‍तान के नेशनल स्‍पेस एजेंसी स्‍पेस और अपर एटमॉस्‍फेयर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) का गठन वर्ष 1961 में किया गया था। इसके आठ साल बाद इसरो की स्‍थापना हुई। लेकिन चीन की मदद से एजेंसी ने अपना पहला कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट 50 साल बाद लांच किया। 2022 तक पाकिस्‍तान अपने पहले अंतरिक्षयात्री को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है।


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