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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक बार फिर की तालिबान की वकालत

आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है। इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान के नए शासकों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है ताकि वे अपने वादों को पूरा करें।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 09:59 PM (IST)
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक बार फिर की तालिबान की वकालत
आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है।

इस्लामाबाद, प्रेट्र। आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है। इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान के नए शासकों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, ताकि वे अपने वादों को पूरा करें। पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने वर्ष 1996 से 2001 वाले अपने शासन से अलग समावेशी सरकार बनाने की घोषणा की थी। उसने कट्टरता को छोड़ने और सरकार में महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने का एलान किया था। हालांकि, उसके हालिया कदम बताते हैं कि वह अपनी पुरानी नीतियों पर लौट रहा है, खासकर महिलाओं के संदर्भ में।

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इमरान ने कहा, अफगानिस्तान के नए शासकों को दें प्रोत्साहन, ताकि वे अपने वादों को पूरा करें

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट में सोमवार को प्रकाशित एक लेख में इमरान खान ने कहा कि दुनिया समावेशी सरकार की अपेक्षा करती है, जो अधिकारों की रक्षा करे और अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न होने दे। इमरान ने कहा, 'तालिबानियों के पास वादों को पूरा करने की वजह और क्षमता है, लेकिन उन्हें सरकार चलाने के लिए सतत मानवीय व विकास संबंधी मदद की जरूरत है। इस मदद के जरिये दुनिया के देश तालिबान पर उनके वादों को पूरा करने के लिए दबाव भी बना सकते हैं।' अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्‍यता दिलाने के लिए पाकिस्‍तान ने भरपूर प्रयास किए हैं। इसके लिए पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कई देशों की यात्रा की है।

अफगानिस्तान के मामलों में दखलअंदाजी न करे पाकिस्‍तान

पिछले दिनों तालिबान के एक प्रवक्ता ने इमरान खान को फटकारते हुए कहा था कि वे खुद एक कठपुतली हैं, जिन्हें पाकिस्तान के लोगों ने नहीं चुना है। तालिबान के प्रवक्ता ने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह अफगानिस्तान के मामलों में दखलअंदाजी न करे। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, जिस तरह हम किसी अन्य देश के मामलों में दखल नहीं देते हैं, उसी तरह हम चाहते हैं कि कोई दूसरा देश भी हमारे मामलों में दखल न दे।


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