पाकिस्तानी कोर्ट ने मानसिक बीमार युवक के लिए जारी किया डेथ वारंट
मानवाधिकार संगठन जस्टिस प्रोजेक्ट्स पाकिस्तान ने कहा कि अब्बास की फांसी की सजा रोकी जानी चाहिए। उसे मानसिक रोगियों के अस्पताल में भेजा जाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुलाम अब्बास (36) को वर्ष 2006 में रावलपिंडी की जिला और सत्र अदालत ने पड़ोसी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। वह पिछले 13 वर्षों से जेल में बंद है।
डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, अब्बास के मानसिक तौर पर बीमार होने के साफ लक्षण नजर आते हैं। रावलपिंडी की सत्र अदालत ने उसके लिए डेथ वारंट जारी किया है। इसके बाद से मानवाधिकार संगठन अपील कर रहे हैं कि कैदी के मानसिक रोगी होने पर विचार करते हुए उसकी मौत की सजा रोकी जाए।
मानवाधिकार संगठन जस्टिस प्रोजेक्ट्स पाकिस्तान ने कहा कि अब्बास की फांसी की सजा रोकी जानी चाहिए। उसे मानसिक रोगियों के अस्पताल में भेजा जाना चाहिए।
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