आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तानी नागरिक ने खोली अपने देश की पोल
पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ अजाकिया ने अपने देश की पोल खालते हुए कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद है।
जिनेवा, एएनआइ। पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ अजाकिया ने अपने देश की पोल खालते हुए कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद है। आप अफगानिस्तान में शांति नहीं कायम कर सकते हैं और न ही भारत में, जब तक पाकिस्तान ऐसा करता रहेगा। आपको सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को रोकना होगा।
Arif Aajakia, a Pakistani human rights activist, in Geneva: Pakistan’s foreign policy has a cornerstone of terrorism & cross-border terrorism. You cannot have peace neither in Afghanistan nor in India until you contain Pakistan and stop their cross-border terrorism activities. pic.twitter.com/qo9P8uLpzK
— ANI (@ANI) March 9, 2020
तालिबान का समर्थन कर रही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई
पाकिस्तान पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा बना चुका है। उसने हाफिज सईद जैसे बड़े आतंकियों को पाल रखा है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के 43वें सत्र के मौके पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. नजीबुल्लाह के भाई सेदिकुल्लाह राही ने कहा था कि पाकिस्तान काबुल में निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए तालिबान का समर्थन कर रहा है। सेदिकुल्लाह ने कहा कि अमेरिका व तालिबान के बीच हाल में हुए अफगान शांति समझौता अफगानिस्तान के लोगों की इच्छा के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि जबसे तालिबान अफगानिस्तान में आया है, तबसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसका समर्थन कर रही है। अफगानिस्तान में तालिबान, पाकिस्तानी सैन्य इच्छा का प्रतिनिधित्व कर रहा है। सेदीकुल्लाह ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ जिस संगठन ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, मैं उन पर विश्वास नहीं करता हूं। न तो मैं उनके साथ सहमत हूं और न ही अफगानिस्तान में कोई करता है। अफगानिस्तान के लोग इस सौदे से परेशान हैं।
तालिबान एक धार्मिक कट्टरपंथी समूह
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान एक धार्मिक कट्टरपंथी समूह है। अफगानिस्तान के लोग उन्हें नहीं चाहते और वे उनकी बातों से सहमत नहीं हैं। अफगानीस्तान के लोग एक पवित्र देश चाहते हैं। अफगान समाज एक इस्लामी समाज है, लेकिन दुर्भाग्य से पाकिस्तान तालिबान के तहत उन पर शासन करना चाहता है। उन्होंने कहा कि तालिबान एक ऐसा समूह है जो अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।