रमजान में प्रतिबंधित संगठनों पर नजर रखेगा पाकिस्तान, नहीं जुटा पाएंगे चंदा
विश्विक दबावों के चलते पाकिस्तान की सरकार ने प्रांतीय सरकारों से विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों पर नजर रखने को कहा है ताकि रमजान में ये संगठन चंदा न जुटा पाएं।
इस्लामाबाद, पीटीआई। विश्विक दबावों के चलते प्रतिबंधित संगठनों पर इमारान खान की सरकार ने नजरें टेढ़ी कर ली हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने रमजान के दौरान प्रांतीय सरकारों से विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों पर नजर रखने को कहा है। जैश-ए-मुहम्मद और जमात-उद-दावा समेत कई संगठनों के चंदा जुटाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि राज्य सरकारें प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि इस्लाम में रमजान को दान का महीना माना जाता है। दान की आड़ में बहुत से संगठन अपनी असामाजिक गतिविधियों के लिए भी चंदा जुटाते हैं। राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे लोगों को बताएं कि आतंकरोधी कानून 1997 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कानून 1948 के तहत प्रतिबंधित संगठनों को किसी तरह का समर्थन या वित्तीय मदद देना अपराध है। इसके लिए पांच से 10 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है।
विभिन्न रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी जनता साल में करीब 4.5 अरब डॉलर (करीब 31 हजार करोड़ रुपये) का दान करती है। इसका ज्यादातर हिस्सा रमजान महीने में ही दान किया जाता है। सरकार दावा करती है कि उसने प्रतिबंधित संगठनों पर नकेल कस दी है, लेकिन इनमें से कई संगठन दान के नाम पर पैसा जुटाते हैं।
इन संगठनों पर लगा है प्रतिबंध
पाकिस्तान में दर्जनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा है, जिनमें जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, आइएस, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे संगठन शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने प्रतिबंधित समूहों से जुड़े 589 मदरसों, स्कूलों, अस्पतालों और एंबुलेंस को अपने कब्जे में ले लिया है।
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