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भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोलने की समीक्षा करेगा पाकिस्‍तान

Indo-Pak military tensions भारत-पाक के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान 15 मई को भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोले जाने की समीक्षा करेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:42 PM (IST)
भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोलने की समीक्षा करेगा पाकिस्‍तान
भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोलने की समीक्षा करेगा पाकिस्‍तान

लाहौर, एजेंसी। भारत-पाक के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान 15 मई को भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोले जाने की समीक्षा करेगा। एक नागरिक विमानन अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि पाकिस्‍तान के ही एक वरिष्‍ठ मंत्री ने संकेत दिया कि भारत में लोकसभा चुनावों के खत्म होने तक यथास्थिति बरकरार रहेगी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्‍तान के बालाकोट में बीते 26 फरवरी को एयर स्‍ट्राइक की थी, जिसके बाद पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने अपने वायुक्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया था।

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हालांकि, बीते 27 मार्च को नई दिल्‍ली, बैंकॉक और क्‍वाला लंपुर के अलावा इसे बाकी फ्लाइटों के लिए एक बार फ‍िर खोल दिया। पाकिस्‍तान नागरिक विमानन मंत्रालय के प्रवक्‍ता मुज्‍तबा बेग ने बताया कि इमरान खान सरकार आगामी 15 मार्च को होने वाली बैठक में फैसला लेगी कि भारतीय विमानों के लिए देश का वायु क्षेत्र खोला जाए या नहीं। इस बैठक में अधिकारियों के साथ सभी मंत्रालयों के मिनिस्‍टर भाग लेंगे। बैठक को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी और संघीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने संकेत दिया कि भारत में लोकसभा चुनावों तक यथास्थिति बरकार रहेगी।

बता दें कि भारतीय विमानों के लिए पाकिस्‍तान का वायुक्षेत्र बंद होने के कारण भारतीय एयरलाइंस को हर रोज छह से दस करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। 26 फरवरी से लेकर अब तक विमानन कंपनियों को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल, इस फैसले से पहले भारतीय विमान पाकिस्‍तान के एयर स्‍पेस का इस्‍तेमाल करते थे। इसकी वजह थी कि यहां से होकर जाने में एयरलाइंस को ईंधन और समय की बचत हुआ करती थी। खासतौर पर यूरोपीय देशों में जाने वाले विमानों के लिए यह मार्ग सबसे सही था। लेकिन पाकिस्‍तान के एयर स्‍पेस बंद करने के बाद विमानों को वै‍कल्पिक मार्ग से जाना पड़ रहा है। इसकी वजह से ईंधन और समय दोनों ही अधिक लग रहा है। 

मई की शुरुआत में यदि एयर लाइंस को इससे होने वाले नुकसान का आंकलन करें तो यह पिछले दो माह से कहीं ज्‍यादा होने वाला है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि पिछले माह विमान का ईंधन या एयर फ्यूल की कीमत 668 डॉलर प्रति किलो लीटर थी, वहीं अब मई में यह 700 रुपये प्रति किलो लीटर हो गई है। ऐसे में विमानन कंपनियों का नुकसान बढ़ने की पूरी आशंका बनी हुई है। ऐसे में यदि पाकिस्‍तान ने अपना एयर स्‍पेस जल्‍द नहीं खोला तो एयरलाइंस कंपनियों को घाटे से उबरने के लिए नई रणनीति पर काम करना जरूरी हो जाएगा।

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