पाकिस्तान : बलूचिस्तान में गुमशुदा लोगों की बरामदगी मामले में SC की पुलिस को फटकार, रिपोर्ट को बताया- 'असंतोषजनक'
तीन सदस्यीय बेंच ने बलूचिस्तान के लापता लोगों की बरामदगी को लेकर संवैधानिक याचिकाओं और हजरा समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या के खिलाफ सुओ मोटो नोटिस पर सुनवाई की। कोर्ट क्राइम ब्रांच ब्यूरो की तरफ से पेश रिपोर्ट से नाखुश है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। बलूचिस्तान में गुमशुदा लोगों की बरामदगी में पुलिस की कार्रवाई से पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट खुश नहीं है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्राइम ब्रांच ब्यूरो और पुलिस प्रशासन की खूब फटकार लगाई है। इसके साथ ही दो हफ्तों के अंदर मामले में विस्तृत और पूरी रिपोर्ट जमा करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं, शीर्ष अदालत ने कड़े शब्दों में यह भी कहा कि यदि अधिकारी इसमें असफल हुए तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, तीन सदस्यीय बेंच लापता लोगों की बरामदगी को लेकर संवैधानिक याचिकाओं और हजरा समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या के खिलाफ सुओ मोटो नोटिस पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने इन्वेस्टिगेशन क्राइम ब्रांच के एसएसपी की तरफ से दी गई रिपोर्ट पर अप्रसन्नता जताते हुए इसे 'असंतोषजनक' बताया है और दो हफ्तों के अंदर व्यापक रूप से तलाश करने के निर्देश दिए हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता में जस्टिस फैसल अरब और जस्टिस इजाजुल हसन की बेंच ने सुनवाई के दौरान एसएसपी इन्वेस्टिगेशन क्राइम ब्रांच की फटकार लगाई है। कोर्ट में क्राइम ब्रांच की तरफ से मुहम्मद अकबर रायसनी (Muhammad Akbar Raisani) द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को बेंच ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, 'यदि अधिकारी केस की विस्तृत और पूरी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाते हैं तो उन्हें पद से हटाना पड़ेगा।'
इसके अलावा कोर्ट ने लापता लोगों की बरामदगी में असफल पुलिस प्रशासन को भी लताड़ा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने चीफ जस्टिस के हवाले से कहा, 'पुलिस अधिकारी नहीं जानते हैं कि केस की जांच कैसे की जाती है। लापता लोगों से जुड़े मामले 2017 से 2018 के बीच के हैं, जिनमें पुलिस द्वारा शून्य कार्रवाई की गई है।' इसके अलावा कोर्ट ने बलूचिस्तान में हर दिन हो रही वाहन चोरी, हवा में फायरिंग और अन्य घटनाओं को लेकर भी चिंता जताई है। कोर्ट अब चार हफ्ते बाद मामले में सुनवाई करेगा।