पाकिस्तान में 29 नवंबर को 50 स्थानों पर छात्रों की मार्च, इस वजह से कर रहे विरोध
पाकिस्ता में देशभर में 50 अलग-अलग स्थानों पर विद्यार्थियों ने मार्च निकालने का फैसला किया है। 29 नवंबर को ये प्रदर्सन किया जाएगा।
लाहौर, आइएएनएस। पाकिस्तान में छात्र-छात्राओं ने देश के अलग-अलग 50 स्थानों पर छात्र एकजुटता मार्च के लिए छात्र कार्रवाई समिति के तहत मार्च करने के फैसला किया है। छात्र बेहतर शिक्षा सुविधाओं, फीस में कमी, छात्र संघों की बहाली, यौन समानता और परिसरों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। प्रगतिशील और वामपंथी छात्रों ने किसानों और मजदूरों सहित समाज के अन्य वर्गों का समर्थन हासिल किया है।
दोपहर से शुरू होगा विरोध प्रदर्शन
छात्रों का विरोध प्रदर्शन 29 नवंबर को दोपहर 2 बजे से शुरू होगा। पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि देश भर के विभिन्न शहरों में। मार्च के प्रतिभागियों की कई मांगों में से एक है कि बार छात्रों को यूनियन बनाने से प्रतिबंध हटा दिया जाए ताकि वे कैंपस में अपने प्रतिनिधि रख सकें।
5 नवंबर को किया गया था SAC का गठन
देश के विभिन्न छात्र संगठनों और प्रगतिशील छात्रों के सामूहिक (PSC) ने छात्रों की मांगों को उठाने के लिए 5 नवंबर को एक SAC का गठन किया। SAC ने कहा कि जब तक सरकार अपनी मांगों पर सहमत नहीं होती है, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
खबरों के अनुसार, मार्च के आयोजकों में से एक ने लाहौर बीकनहाउस विश्वविद्यालय के पत्रकारिता के छात्र हैदर कलीम ने कहा कि हम सड़कों पर उतरने के लिए इस वजह मजबूर हुए हैं क्योंकि एडमिशन से पहले सभी छात्रों को शपथ पत्र भरना के लिए बोला गया है। वैसे तो छात्र संघों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन कई आदेशों के सहारे प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। जिससे विद्यार्थी राजनीति में भाग ना ले सकें और परिसर में प्रदर्शन ना कर पाएं।
छात्र संगठनों का ये भी कहना है कि अपने विचारों के लिए भीड़ ने छात्र मशाल खान की पिटकर हत्या कर दी थी। उसकी याद में 13 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि मिशाल की हत्या 13 अप्रैल 2017 को की गई थी।