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मलाला पर हमले के जिम्मेदार आतंकी के फरार होने के मामले में गिरेगी ISI चीफ पर गाज, जा सकती है कुर्सी

साल 2012 में मलाला युसुफजई पर गोलीबारी के जिम्मेदार आतंकी एहसानुल्ला एहसान के फरार होने की घटना से पाकिस्‍तान में हड़कंप मच गया है। यहां तक कि ISI Chief की कुर्सी तक जा सकती है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 07:05 PM (IST)
मलाला पर हमले के जिम्मेदार आतंकी के फरार होने के मामले में गिरेगी ISI चीफ पर गाज, जा सकती है कुर्सी
मलाला पर हमले के जिम्मेदार आतंकी के फरार होने के मामले में गिरेगी ISI चीफ पर गाज, जा सकती है कुर्सी

नई दिल्‍ली/इस्‍लामाबाद। पेशावर आर्मी स्कूल पर हुए जानलेवा आतंकी हमले और साल 2012 में मलाला युसुफजई पर गोलीबारी के जिम्मेदार आतंकी एहसानुल्ला एहसान के जेल से फरार होने के मामले में पाकिस्‍तानी खुफ‍िया एजेंसी आइएसआइ (Inter Services Intelligence, ISI) के प्रमुख लेफ्ट‍िनेंट जनरल फैज हामिद (Faiz Hameed) पर गाज गिर सकती है। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान तालिबान के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान के भाग निकलने की चूक पर ISI चीफ फैज हामिद को जल्‍द पद से हटाया जा सकता है।  

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मालूम हो कि पाकिस्तान तालिबान का पूर्व प्रवक्ता एवं खूंखार आतंकी एहसानुल्ला एहसान बीते 11 जनवरी को पाकिस्‍तानी सेना की हिरासत से फरार हो गया था। इसकी जानकारी बीते सात फरवरी को खुद उसने ऑडियो टेप जारी करके दी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो क्लिप में एहसान ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना, साल 2017 में सरेंडर करने के दौरान उससे किए गए वादे को पूरा करने में नाकाम रही जिससे वह जेल से फरार हो गया। इस लापरवाही के खिलाफ इस्‍लामाबाद की एक अदालत में केस भी दाखिल किया गया था जिसमें जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अपील की गई थी। 

आतंकी एहसानुल्ला एहसान के फरार होने की घटना को लेकर पाकिस्‍तानी आवाम में हुक्‍मरानों और सेना के प्रति गहरी नाराजगी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारी जनदबाव के चलते ही आइएसआइ चीफ को पद से हटाने का फैसला लिया जा सकता है। आईएसआई में काउंटर इंटेलीजेंस विंग की भी प्रमुख के तौर पर कमान संभाल चुके फैज हमीद पर इस घटना को लेकर कितना दबाव है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम इमरान खान के साथ इस मसले पर उनकी एक के बाद एक कई बैठकें हो चुकी हैं। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान में लोग इस घटना की जवाबदेही पर सवाल उठाने लगे हैं। 

अफगानिस्तान में हो सकता है एहसान

मालूम हो कि आतंकी एहसानुल्ला एहसान ने साल 2017 में रहस्‍यमय परिस्थितियों में सरेंडर किया था। आत्‍मसमर्पण के बाद बीते तीन वर्षों से वह पाकिस्‍तानी आर्मी की कस्‍टडी में था। बावजूद पाकिस्‍तानी फौज उसके खिलाफ आरोप पत्र तक दाखिल नहीं कर सकी थी। बीते बृहस्‍पतिवार को जारी ऑडियो टेप में उसने दावा किया था कि वह बीते 11 जनवरी को ही पूरे परिवार के साथ सकुशल पाकिस्‍तानी खुफ‍िया एजेंसी की पकड़ से दूर जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक एहसान को पेशावर की वर्साक रोड पर स्थित एक बंगले में पत्नी और दो बेटियों के साथ हिरासत में रखा गया था। यह घर उसी सैन्य स्कूल के पास है, जिस पर तालिबान ने 2014 में हमला कर 150 बच्चों की हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि एहसान सीमा पार कर अफगानिस्तान पहुंच गया है।  


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