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Pakistan: रूस से गेहूं खरीदने पर पाकिस्तान ने दिखाई दिलचस्पी; देश में लाखों लोग कर रहे खाद्य संकट का सामना

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस से गेहूं खरीदने की इच्छा जताई है। शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान रूस से गेहूं खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि देश में अभूतपूर्व बाढ़ से बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Sun, 25 Sep 2022 03:08 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 03:08 PM (IST)
Pakistan: रूस से गेहूं खरीदने पर पाकिस्तान ने दिखाई दिलचस्पी; देश में लाखों लोग कर रहे खाद्य संकट का सामना
रूस से गेहूं खरीदने पर पाकिस्तान ने दिखाई दिलचस्पी; देश में लाखों लोग कर रहे खाद्य संकट का सामना

न्यूयार्क, IANS: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस से गेहूं खरीदने की इच्छा जताई है। शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान रूस से गेहूं खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि देश में अभूतपूर्व बाढ़ से बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है, जिस कारण से पाकिस्तान रूस से गेहूं खरीदने पर आगे बढ़ सकता है। बता दें कि पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ था। साथ ही बाढ़ से सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौत भी हुई हैं।

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33 लाख लोगों के सामने खाद्य संकट

बता दें कि पाकिस्तान में बाढ़ के कारण एक तिहाई भूभाग जलमग्न हो गया था। ऐसे में कृषि भूमि को काफी हद तक नुकसान हुआ है और फसल बर्बाद हुए हैं। इस कारण से पाकिस्तान में करीब 33 लाख लोगों के सामने खाद्य संकट मंडराने लगा है। इससे बचने के लिए पाकिस्तान को लगभग 10 लाख टन गेहूं का आयात करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम रूस से गेहूं आयात कर सकते हैं, लेकिन हम अन्य प्रस्तावों का इंतजार कर रहे हैं। देश को उर्वरक की भी जरूरत है क्योंकि कारखाने बंद हो गए हैं, जिस कारण से उत्पादन नहीं हो पा रहा है।

पाकिस्तान के सामने गंभीर संकट

बता दें कि जून के मध्य में बाढ़ आने से पहले ही, पाकिस्तान अनाज की कमी से गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था और देश में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही है। हालांकि इस पर 24 फरवरी को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का भी असर पड़ा है। शहबाज शरीफ ने कहा कि आसमान छूती कीमतों ने तेल के आयात को हमारी क्षमता से परे कर दिया है और बाढ़ से नुकसान और विनाश के साथ समाधान बेहद कठिन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक बहुत मजबूत पारदर्शी तंत्र है, जो सभी सहायता सामग्री जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है।


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