पाकिस्तान को झटका, आर्थिक मदद में देरी कर सकता है आइएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए आर्थिक मदद में देरी कर सकता है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए आर्थिक मदद में देरी कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैश्विक कर्जदाता इस्लामाबाद पर सीपीइसी परियोजना पर पारदर्शी होने के लिए दबाव डाल रहा है और उससे यह लिखित गारंटी चाहता है कि मिलने वाली सहायता का वह चीन का ऋण चुकाने में इस्तेमाल नहीं करेगा। सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
पाकिस्तान ने खुद को भुगतान संतुलन की गंभीर स्थिति से बचाने के लिए आइएमएफ से आठ अरब डॉलर की सहायता मांगी है। भुगतान संतुलन की गंभीर स्थिति देश की अर्थव्यवस्था को मुश्किल में डाल सकती है। चीन की सहायता से पाकिस्तान को अभी तक चालू वित्त वर्ष के दौरान मित्र देशों से आर्थिक सहायता पैकेज के तहत कुल 9.1 अरब डॉलर मिले हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने इसी महीने कहा था कि आइएमएफ का एक दल विश्व बैंक के साथ ग्रीष्मकालीन बैठक के तुरंत बाद इस्लामाबाद आने वाला है। उन्होंने कहा था कि इसी महीने के अंत तक राहत पैकेज पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
सूत्रों ने बताया, 'अब आइएमएफ का दल अप्रैल में नही बल्कि मई में यहां आ सकता है।' वित्त मंत्री एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को न्यूयार्क गए थे। लेकिन उनके साथ गई टीम आगे की बातचीत के लिए वाशिंगटन में रुक गई। इस प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में उमर ने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक मदद पर कमोवेश सहमत हो चुके हैं। एक दो दिनों में हम पूर्ण समझौते तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं। पाकिस्तान-आइएमएफ वार्ता से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इस्लामाबाद को जून से पहले समझौता होने की उम्मीद है। उनका विश्वास है कि आर्थिक मदद से बजट अपेक्षाओं को मदद मिलेगी।