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चौतरफा दबाव में घिरा पाक, हाफिज के जमात-उद-दावा मुख्यालय पर पाक सरकार का कब्जा

पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद भारत ने दुनिया भर में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग करने की रणनीति पर काम किया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 07:56 AM (IST)
चौतरफा दबाव में घिरा पाक, हाफिज के जमात-उद-दावा मुख्यालय पर पाक सरकार का कब्जा
चौतरफा दबाव में घिरा पाक, हाफिज के जमात-उद-दावा मुख्यालय पर पाक सरकार का कब्जा

इस्लामाबाद, रायटर/प्रेट्र । पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस क्रम में पाकिस्तानी पंजाब प्रांत की सरकार ने गुरुवार को 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया।

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इसके अलावा देशभर में सरकार ने अब तक 182 मदरसों का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है, इनमें 56 जमात-उद-दावा द्वारा संचालित हैं। साथ ही आतंकी समूहों से जुड़े करीब 121 लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान सरकार पर जैश-ए-मुहम्मद समेत भारत के खिलाफ सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए जबरदस्त वैश्विक दबाव है। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान उनके देश की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है और इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न समूहों के अन्य संस्थानों को भी नियंत्रण में लिया गया है।

इनमें 34 स्कूल या कॉलेज, 163 दवाखाने, 184 एंबुलेंस, पांच अस्पताल और विभिन्न संगठनों के आठ कार्यालय शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि जैश-ए-मुहम्मद जैसे प्रतिबंधित समूहों द्वारा संचालित मदरसों का इस्तेमाल आतंकी समूहों के लिए भर्ती शिविरों की तरह किया जाता है। गुरुवार को पाकिस्तानी पंजाब प्रांत की सरकार ने लाहौर स्थित मरकज अल कदसिया मस्जिद और मुरीदके स्थित जमात-उद-दावा के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। लाहौर की मरकज अस कदसिया मस्जिद से ही हाफिज सईद अपने फरमान जारी किया करता था।

हाफिज का संगठन जमात-उद-दावा का मुख्यालय लाहौर के नजदीक मुरीदके में है। जबकि हाफिज सईद फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के नाम से चैरिटी के काम करता है। यही संगठन कई अस्पतालों और एंबुलेंस का संचालन करता है। अनुमान है कि जमात-उद-दावा पाकिस्तान में करीब 300 मदरसों का संचालन करता है। जमात-उद-दावा खुद को सामाजिक संगठन होने का दावा करता है, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने इसे 'विदेशी आतंकी संगठन' घोषित कर रखा है।

अमेरिका इसे लश्कर-ए-तैयबा का मूल संगठन बताता है। यह संगठन 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है जिसमें 166 लोग मारे गए थे। बहरहाल, जमात-उद-दावा ने पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई को अनुचित करार दिया है। उसका कहना है कि वह सरकार की इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगा।

जमात-उद-दावा खुद को कल्याणकारी संगठन होने का दावा करता है, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने इसे 'विदेशी आतंकी संगठन' घोषित कर रखा है। अमेरिका इसे लश्कर-ए-तैयबा का मूल संगठन बताता है। यह संगठन 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है जिसमें 166 लोग मारे गए थे। बहरहाल, जमात-उद-दावा ने पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई को अनुचित करार दिया है। उसका कहना है कि वह सरकार की इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगा।

14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद से ही पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का बड़ा दबाव है। पाकिस्तान के आतंरिक मामलों के मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि राज्य सरकारों ने 182 मदरसों के प्रशासन को अपने हाथ में ले लिया है। इन मदरसों के आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने का संदेह है। पाकिस्तान सरकार ने कहा कि कानूनी एजेंसियों ने 121 लोगों को इस कार्रवाई के तहत हिरासत में ले लिया है।


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