पाक को अदा करना होगा जीडीपी के दो फीसद के बराबर जुर्माना, इमरान ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल से लगाई गुहार
आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाक ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल द्वारा लगाए गए 5.8 अरब डॉलर (42 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) के जुर्माने को वापस लेने की गुहार लगाई है।
इस्लामाबाद, एपी। आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि उसने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल द्वारा लगाए गए 5.8 अरब डॉलर (42 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) के जुर्माने को वापस लेने की गुहार लगाई है। उसकी दलील है कि जुर्माने का भुगतान करने से महामारी से निपटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को खनन पट्टा देने से इन्कार करने पर पेनाल्टी लगाई गई थी।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल द्वारा लगाया गया लगभग 600 करोड़ का यह जुर्माना उसकी जीडीपी के दो फीसद के बराबर है। यही नहीं यह पाकिस्तान के लिए हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मंजूर हुए एक बेलआउट पैकेज के भी लगभग बराबर है।
बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत का रेको डीक जिला सोने और तांबे सहित दूसरी अन्य खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। इमरान सरकार इसे अपनी एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति मानती है। टेथयॉन कॉपर कंपनी को दिए गए खनन पट्टे को रद करने पर लगाए गए जुर्माने के खिलाफ पाकिस्तान की अपील पर वर्ल्ड बैंक इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट डिस्प्यूट विचार कर रहा है।
टेथयॉन कॉपर कंपनी में बैरिक गोल्ड कारपोरेशन ऑफ ऑस्ट्रेलिया और चिली की एंटोफगस्टो पीएलसी की बराबर की हिस्सेदारी है। इस बीच बलूचिस्तान सरकार ने खदान को विकसित करने के लिए अपनी स्वयं की एक कंपनी बनाई है। चूंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और फिलहाल सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतें दो हजार डॉलर प्रति औंस से भी ज्यादा हैं, इसलिए प्रांतीय सरकार इसका स्वयं लाभ उठाना चाहती है।
उधर, पाकिस्तान सरकार और टेथयॉन कॉपर कंपनी ने वैकल्पिक समाधानों पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है। दूसरी ओर नया पाकिस्तान देने का वादा करके सत्ता में आए इमरान खान महंगाई और बेरोजगारी के बाद देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर भी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। इस बार इमरान अपने शीर्ष सहयोगी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर घिरे हैं।