पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड समेत 4 हजार आतंकियों को निगरानी सूची से किया बाहर
पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची में से करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इसमें मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी भी शामिल है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची में से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इस काम को उसने बीते 18 माह के दौरान अंजाम दिया है। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। पाकिस्तान ने ऐसा करने की कोई वजह भी नहीं बताई है। पाकिस्तान की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब जून में FATF की संभावित बैठक हो सकती है जिसमें ये देखा जाएगा कि जिन 27 बिंदुओं पर पाकिस्तान से एक्शन लेने के लिए कहा गया था वो लिए गए या नहीं। एफएटीएफ द्वारा फरवरी में हुई बैठक में उसको जून तक का समय दिया गया था। इसमें कहा गया था कि यदि पाकिस्तान इन मानकों पर खरा नहीं उतरता तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म ऑथर्टी इस लिस्ट को देखती है। आपको बता दें कि इस लिस्ट में वर्ष 2018 में कुल 7600 नाम थे लेकिन पिछले 18 महीने में इसकी संख्या को घटाकर अब 3800 कर दिए गए हैं। मार्च से अप्रैल के बीच ही इस सूची से 1800 नामों को हटाया जा चुका है। रिपोर्ट की मानें तो ये काम बेहद शातिर तरीके से किया गया है।
एफएटीएफ की बैठक को देखते हुए पाकिस्तान के लिए ये कदम बेहद घातक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पहले ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाली से गुजर रही है। ब्लैक लिस्ट किए जाने पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान नियम के तहत उसकी मदद नहीं करेंगे। रिपोर्ट में एक पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह देश के आतंकवाद निरोधी प्रयासों को मजबूती देने के वादे को पूरा करने के लिए चलाए गए अभियान का हिस्सा है। अमेरिकी सरकार में पूर्व योजना सलाहकार रह चुके पीटर पैटेटस्की ने कहा कि जितनी बड़ी तादाद में और जितनी तेजी से नामों को हटाया गया है, यह असामान्य है।
उनके मुताबिक करीब 4 हजार नामों को बिना सार्वजनिक रूप से सफाई दिए हटाया जाना बड़े सवाल खड़े करता है। अंतरराष्ट्रीय मानक यह है कि अगर वॉच लिस्ट से आतंकवादियों का नाम हटाया जाता है तो तुरंत उसकी सूचना तत्काल वित्तीय क्षेत्र को देनी होती है। पाकिस्तान ने संदिग्ध आतंकवादियों के नाम हटाते समय ऐसा नहीं किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अधिकारी ताहिर अकबर अवन ने कहा है कि संदिग्ध आतंकवादियों की संख्या बहुत ज्यादा थी और इसमें कई गड़बड़ियां भी थीं। उनके मुताबिक इस सूची में अब तक उनके नाम भी शामिल थे जिनकी मौत हो चुकी है। इसके अलावा इसमें वो नाम भी शामिल थे जो किसी प्रतिबंधित गुट के सदस्य नहीं थे।
एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान का ये कदम शायद इसलिए भी उठाया गया हो क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से इस बैठक पर संकट के बादल हैं। आपको बता दें कि फरवरी में एफएटीएफ ने कहा था कि उसकी ओर से दिए गए 27 कार्यों में अभी भी 13 को पाकिस्तान पूरा नहीं कर पाया है। जबकि ये आतंकी फंडिंग से संबंधित हैं।
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