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आइएमएफ ने सुझाए थे अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के उपाय, पाकिस्‍तान बोला- नहीं मानेंगे

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आइएमएफ ने पाकिस्‍तान को उसकी अर्थव्‍यवस्‍था को डूबने से बचाने के लिए उपाय बताए थे। अब पाकिस्‍तान ने उसके सुझावों को खारिज कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 07:01 PM (IST)
आइएमएफ ने सुझाए थे अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के उपाय, पाकिस्‍तान बोला- नहीं मानेंगे
आइएमएफ ने सुझाए थे अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के उपाय, पाकिस्‍तान बोला- नहीं मानेंगे

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन खर्च को स्थिर रखने की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के सुझाव को खारिज कर दिया है। मामले से जुड़े करीबी सूत्रों ने दुनिया न्यूज को बताया कि दो ऑनलाइन बैठकों के दौरान आइएमएफ ने अगले बजट में खर्च कम करने का आग्रह किया था। हालांकि इस्लामाबाद ने इस मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि ऐसा करने से कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।

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पाकिस्तान सरकार 12 जून को अपना वार्षिक बजट पेश करेगी और इस दौरान उसे राजकोषीय घाटे और आर्थिक विकास में संतुलन बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक आइएमएफ द्वारा छह अरब डॉलर (45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) की दी गई मदद तब बहाल होगी जब पाकिस्तान अगला बजट आइएमएफ मैक्रोइकोनॉमिक्स फ्रेमवर्क के अनुसार अपना बजट प्रस्तुत करेगी।

दरअसल, पहले से ही खराब चल रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी ने रसातल पर ला दिया है। पाक सरकार द्वारा आइएमएफ की मांग को खारिज करने का एक बड़ा कारण यह भी है कि देश में महंगाई चरम पर है। मुद्रास्फीति में उछाल के चलते सरकार कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने में भी आनाकानी कर रही है, जिससे लोगों की वास्तविक आय में गिरावट आई है।

आईएमएफ ने पाकिस्तान को सार्वजनिक कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर चेता चुका है। आईएमएफ जोर दे रहा है कि पाकिस्‍तान को राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के रास्ते पर चलना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज पहले ही उसकी अर्थव्यवस्था के आकार के 90 फीसद पर पहुंच चुका है। सार्वजनिक कर्ज में बढ़ोतरी और जी-20 देशों से कर्ज मांगने के पाकिस्तान के फैसले पर आईएमएफ ने उक्‍त नसीहत दी है। 

इस बीच पाकिस्‍तान ने चीन से कर्ज लेने की कवायद शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने सीपेक के तहत पेशावर और कराची के बीच रेलवे लाइन के संवर्धन के लिए 7.2 अरब डॉलर को मंजूरी दी है। चीन के सीपेक प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के तहत पेशावर से कराची तक के 1,872 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा। इस मंजूरी ने चीन से कर्ज लेने को लेकर बातचीत का दरवाजा खोल दिया है। 


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