कोरोना वायरस से दहशत में पाकिस्तान, ईरान से लगती सीमा पर 200 लोगों को अलग थलग किया
कोरोना वायरस की दहशत के चलते पाकिस्तान ने ईरान से लगती अपनी सीमा पर 200 लोगों को अलग थलग कर दिया है। ईरान से सटी सीमा भी कर दी है सील...
क्वेटा, एएफपी। चीन में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के खतरे को लेकर पाकिस्तान में दहशत का आलम है। पाकिस्तान की कोशिश है कि कोरोना वायरस उसके मुल्क में दाखिल नहीं होने पाए। इसके लिए पाकिस्तान ने ईरान से लगने वाली सीमा पर वायरस से संक्रमित होने की आशंका में कम से कम 200 लोगों को अलग थलग रख दिया है। पाकिस्तान का यह कदम ईरान से लगने वाली सीमा को सील किए जाने के कुछ ही घंटों बाद लोगों को अलग थलग रखे जाने का यह मामला सामने आया है।
दरअसल, पाकिस्तान के पड़ोसी अफगानिस्तान में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि हुई है। यही नहीं ईरान पर कोरोना वायरस से जुड़े मामलों को छिपाने के आरोप भी लग रहे हैं। इससे समूचे क्षेत्र में करोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका है। यही नहीं आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में वायरस से लड़ने का अपेक्षित ढांचा भी नहीं है। इन्हीं तमाम समस्याओं को देखते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों और हुक्मरानों के हाथ पांव फूले हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में ईरान से धार्मिक यात्रा करके लौटे शिया मुस्लिम जब देश में दाखिल हुए और स्थानीय लोगों से बातचीत की तो प्रांतीय अधिकारी तुरंत ही हरकत में आ गए। अधिकारियों ने आनन फानन में कम से कम 200 लोगों को अलग थलग रख दिया। तफ्तान सीमा चौकी पर सहायक आयुक्त नजीबुल्लाह कम्बरानी ने बताया कि हमने कोई जोखिम नहीं उठाने का फैसला किया है।
अधिकारी ने बताया कि ईरान से आए सभी लोगों को अगले 15 दिनों तक की निगरानी में रखने का फैसला किया गया है। करीब 250 लोगों को पृथक किया जा रहा है। बलूचिस्तान के स्वास्थ्य सचिव मुदस्सिर मलिक ने भी लोगों को अलग थलग रखे जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि करीब 7000 लोग ईरान से इस महीने पाकिस्तान लौटे हैं। बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ईरान से लंबी सीमा लगती है। लाखों अफगान शरणार्थी भी ईरान में रहते हैं। इससे आशंका बढ़ गई है कि कोरोना पाकिस्तान और अफगानिस्तान में फैल सकता है।