Move to Jagran APP

अफगानिस्तान को गेहूं और दवाएं भेजने में पाकिस्तान ने लगाई शर्त, कहा- वाघा सीमा से पाकिस्तानी वाहनों में भेजे जाएं गेहूं और दवाएं

भारत चाहता है कि उसके द्वारा भेजी जाने वाली सामग्री निर्बाध रूप से अफगानिस्तान पहुंचे और पाकिस्तान यह भी प्रयास कर रहा है कि भारतीय सहायता सामग्री वाघा सीमा पर ही संयुक्त राष्ट्र के सहायता दल को मिल जाए।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 03:04 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:04 AM (IST)
अफगानिस्तान को गेहूं और दवाएं भेजने में पाकिस्तान ने लगाई शर्त, कहा- वाघा सीमा से पाकिस्तानी वाहनों में भेजे जाएं गेहूं और दवाएं
अफगानिस्तान को गेहूं और दवाएं भेजने में पाकिस्तान ने लगाई शर्त

नई दिल्ली, प्रेट्र।  भारत (India)  से अफगानिस्तान (Afghanistan) को मदद के तौर पर पांच लाख क्विंटल गेहूं (Wheat) और जीवनरक्षक दवाएं (Life saving Drugs) भेजने के लिए मार्ग देने की मजबूरी में घोषणा करने वाला पाकिस्तान अब आपूर्ति में अड़ंगे लगा रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) द्वारा मार्ग देने की घोषणा करने और भारत सरकार को इस बाबत जानकारी देने के बाद पाकिस्तान सरकार ने शर्त रख दी है कि वाघा (अटारी) सीमा मार्ग से होकर जाने वाला माल पाकिस्तान की सीमा से लेकर अफगानिस्तान तक पाकिस्तानी ट्रकों में जाएगा।

loksabha election banner

अफगानिस्तान में न बने भारत के लिए सकारात्मक माहौल

भारत चाहता है कि उसके द्वारा भेजी जाने वाली सामग्री निर्बाध रूप से अफगानिस्तान पहुंचे और वहां पर कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी आमजनों में उसका वितरण करे। पाकिस्तान यह भी प्रयास कर रहा है कि भारतीय सहायता सामग्री वाघा सीमा पर ही संयुक्त राष्ट्र के सहायता दल को मिल जाए और वहां से वह ले जाकर गेहूं और दवाएं अफगानिस्तान के लोगों को वितरित कर दे। इससे अफगानिस्तान में भारत को लेकर सकारात्मक माहौल नहीं बन पाएगा। उल्लेखनीय है कि जमीन से घिरे अफगानिस्तान के लिए भारत से कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है। सड़क के जरिये अफगानिस्तान जाने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करना पड़ता है।

मानवीय सहायता भेजने में शर्त नहीं लगाना चाहिए- विदेश मंत्रालय 

पांच लाख क्विंटल गेहूं की बड़ी मात्रा सड़क मार्ग से ही अफगानिस्तान जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के कहने पर पाकिस्तान ने भारतीय माल के लिए रास्ता देने की घोषणा तो कर दी लेकिन अब शर्ते बताकर उसमें अड़ंगा लगा रहा है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Baghchi) ने कहा है कि मानवीय सहायता भेजने पर शर्ते नहीं लगाई जानी चाहिए। सहायता को जल्द जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए प्रयास होने चाहिए। उल्लेखनीय है कि अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने पूरी तरह कब्जा कर लिया था। तभी से वहां के हालात ठीक नहीं हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.