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विपक्षी दलों के हमले से घबराए इमरान ने अब कोरोना का हवाला दे रैलियां आयोजित नहीं करने की गुजारिश की

पाकिस्‍तान में विपक्षी दलों के हमले से घबराए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए कम से कम दो महीने तक सार्वजनिक रैलियां आयोजित नहीं करने की गुजारिश की है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 04:03 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 04:27 PM (IST)
विपक्षी दलों के हमले से घबराए इमरान ने अब कोरोना का हवाला दे रैलियां आयोजित नहीं करने की गुजारिश की
इमरान खान ने अब कोरोना का हवाला देते हुए सार्वजनिक रैलियां आयोजित नहीं करने की गुजारिश की है।

इस्‍लामाबाद, आइएएनएस। विपक्ष के हमले से घबराए इमरान खान (Imran Khan) ने अब कोरोना का हवाला देते हुए सार्वजनिक रैलियां आयोजित नहीं करने की गुजारिश की है। इमरान ने विपक्ष से कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए वे कम से कम दो महीने तक सार्वजनिक रैलियां आयोजित नहीं करें। सार्वजनिक रैलियां आयोजित करके वे कोरोना के तेज प्रसार की वजह से आम लोगों का जीवन को खतरे में डाल देंगे। 

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पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना पर राष्ट्रीय समन्वय समिति (National Coordination Committee, NCC) की बैठक के बाद इमरान ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि विपक्ष को लगता है कि वह रैलियां आयोजित करके सरकार पर दबाव बना सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। सार्वजनिक रैलियां लोगों के जीवन को खतरे में डाल देंगी। मालूम हो कि पाकिस्‍तान में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है। 

इमरान ने कहा कि सार्वजनिक रैलियों में लोग एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे वक्‍त में जब देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है तो लोगों के जीवन को बचाने के लिए दो या तीन महीने के बाद सियासी रैलिया होनी चाहिए। यदि ऐसा ही चलता रहा तो सर्दियों में वायरस के संक्रमण को रोकना ज्‍यादा कठिन हो जाएगा। यदि वायरस इसी दर से फैलता रहा तो हमारे अस्पताल भर जाएंगे।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों इमरान ने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि दम है तो सरकार के खिलाफ संसद में अविश्‍वास प्रस्‍ताव लेकर आएं। मालूम हो कि इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 11 विपक्षी दलों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम की स्थापना की है। पीडीएम ने विपक्षी सांसदों के सामूहिक इस्‍तीफे का फैसला भी लिया है। इसका सिलसिला दो सांसदों के इस्‍तीफे से शुरू हो गया है। 


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