अफगानिस्तान को भारत से दूर करने की फिराक में इमरान, तालिबान शांति वार्ता को लेकर डाल रहे डोरे
तालिबान के साथ अफगानिस्तान सरकार की चल रही वार्ता प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से अपना समर्थन जताया है। ऐसा कर इमरान अफगानिस्तान को अपने करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं...
इस्लामाबाद, पीटीआइ। तालिबान के साथ अफगानिस्तान सरकार की चल रही वार्ता प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से अपना समर्थन जताया है। ऐसा कर इमरान अफगानिस्तान को अपने करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पाकिस्तान की आतंकवाद के संरक्षण की नीति के चलते दूर चला गया है। इमरान इस चाल से अफगानिस्तान को भारत से दूर करना भी चाह रहे हैं।
तालिबान नेता पहुंचे पाकिस्तान
दोहा वार्ता में शामिल तालिबान राजनीतिक आयोग (Taliban's Political Commission, TPC) का दल बुधवार को तीन दिन के दौरे पर इस्लामाबाद आया। दल ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की। यह दल प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मिलेगा। तालिबान के दल के दौरे के समय ही इमरान ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से दोहा में चल रही शांति वार्ता के संबंध में बात की है। इमरान ने दोहा में चल रही अफगान सरकार और तालिबान की वार्ता की प्रगति का स्वागत किया है।
सभी पक्षों के संपर्क में इमरान
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार इस वार्ता में शामिल सभी पक्षों के संपर्क में है और वह चाहती है कि वार्ता सफल हो-अफगानिस्तान में शांति स्थापित हो। अफगानिस्तान में शांति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है। उल्लेखनीय है कि इमरान ने नवंबर में काबुल का दौरा किया था और वहां पर अफगान नेताओं से वार्ता की थी।
अमेरिकी जनरल ने की तालिबान से वार्ता
शांति वार्ता के संबंध में अमेरिकी जनरल मार्क ए मिली ने कतर में तालिबान नेताओं से मुलाकात की है। वार्ता में अफगानिस्तान में शांति का अनुरोध किया गया। जनरल मिली ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम के संबंध में भी बात की। वहीं काबुल में अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तालिबान के जारी हमलों से उसकी अफगान सरकार के साथ चल रही शांति वार्ता पर असर पड़ सकता है।