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पाकिस्तान में राजनीतिक संकट, देश की अर्थव्यवस्था के साथ CPEC भी प्रभावित

Pakistan political crisis कोविड-19 की मार झेल रहा पाकिस्तान अब देश के अंदरुनी राजनीतिक संघर्ष से परेशान है। विपक्षी पार्टियांं इमरान सरकार और देश की सेना के खिलाफ रैलियां निकाल रहीं हैं। इसका असर देश के आर्थिक विकास से लेकर चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजना पर होगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 01:58 PM (IST)
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट,  देश की अर्थव्यवस्था के साथ CPEC भी प्रभावित
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट से प्रभावित CPEC

नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान में अभी युद्ध के हालात हैं जो चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China Pakistan Economic Corridor, CPEC) के साथ देश की आर्थिक स्थिति को भी जर्जर बना सकती है। देश में विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री इमरान खान की कठपुतली सरकार  और देश की सेना के खिलाफ संयुक्त रैली निकाल रही है।  

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इसके अलावा फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया और इस्लामाबाद को 2012 के फरवरी तक का समय दिया है ताकि यह अपने 27 बिंदुओं की कार्य योजना को पूरी करे। इससे  देश की पहले ही जर्जर हो चुकी अर्थव्यवस्था पर असर होगा। भारत ने बताया है कि पाक ने 27 में से सिर्फ 21 बिंदुओं पर काम किया है और अभी भी वहां आतंकियों को पनाह दी जा रही है। भारत का पाकिस्तान पर आरोप है कि वह संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया और दाउद इब्राहिम जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है। 

इमरान खान की ओर से बार-बार CPEC परियोजना को पूरी करने के लिए 60 बिलियन डॉलर की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि इससे सामाजिक आर्थिक विकास होगा। 2019 में पाकिस्तान का  GDP विकास में गिरावट दर्ज की गई थी। पाकिस्तान में  पूर्व भारतीय राजनयिक टीसीए राघवन ( T.C.A. Raghavan) ने इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम (IndiaNarrative.com) को बताया कि मौजूदा राजनीतिक हालात और कुछ समय के लिए जारी रहेगा। 'यह सच है कि देश अभी राजनीतिक संकट की ओर जा रहा है और ऐसा लगता है कि यह कुछ और समय के लिए जारी रहेगा।' 

वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पाकिस्तान को काफी प्रभावित किया है हालांकि इस्लामाबाद ने इसके संक्रमण को फैलने से रोकने पर काबू पा  लिया।  इस महामारी के संकट से पूरी दुनिया जूझ रही है। विश्लेषकों के अनुसार, 'वैश्विक अर्थव्यवस्था तो डांवाडोल है ही पाकिस्तान भी अन्य देशों की तरह कर्ज की जाल में फंस सकता है। इस साल जनवरी में इमरान खान ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा था कि 2020 में पाकिस्तान विकास की राह पर अग्रसर होगा। 


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