पाकिस्तान पुलिस ने अलगाववादी समूह के पांच सदस्यों को मार गिराया, ठिकाने पर मारा छापा
आतंकवाद निरोधक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार तड़के पूर्वी पाकिस्तान के सुदूर कस्बे में एक अलगाववादी ठिकाने पर छापा मारा गया था।
मुल्तान, एजेंसी। पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक अलगाववादी समूह के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना को पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक पुलिस ने अजांम दिया है। आतंकवाद निरोधक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार तड़के पूर्वी पाकिस्तान के सुदूर कस्बे में एक अलगाववादी ठिकाने पर छापा मारा गया था। इसी दौरान अलगाववादी समूह के पांच सदस्यों को मार गिराया गया है। हालांकि, प्रवक्ता ने नहीं बताया कि इस कार्रवाई में पुलिस बल को कोई क्षति हुई है या नहीं।
गैस पाइपलाइन व रेलवे पटरियों को ध्वस्त करने की बना रहे थे योजना
देश के आतंकवाद-रोधी विभाग के प्रवक्ता कलीम कुरैशी ने कहा कि अधिकारियों ने पंजाब प्रांत के राजनपुर शहर में मारे गए लोगों के ठिकाने से बम और हथियार और अन्य सामग्री जब्त किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक छोटे अलगाववादी समूह बलूच रिपब्लिकन एमी के सदस्यों द्वारा गैस पाइपलाइनों और रेलवे पटरियों पर संभावित आतंकवादी हमलों को पुलिस ने नाकाम कर दिया। प्रवक्ता कलीम कुरैशी ने कहा कि यह आमतौर पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि इन अलगाववादियों को विदेशी खुफिया एजेंसियों का समर्थन है।
क्या है बलूचिस्तान विवाद
1948 में बलूच पर पाक कब्जे के बाद से ही आजादी के लिए बलूचिस्तान में लगातार विद्रोह होते रहे हैं। बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराने की मांग लगातार उठती रही है। बलूच में होने वाले विद्रोह को दबाने के लिए पाकिस्तान लगातार सैन्य अभियान चलाता रहा है। अभी यह राज्य पाकिस्तान और इरान के बीच बंटा है। पाकिस्तानी के हिस्से के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा है। इस विद्रोह को दबाने के लिए पाकिस्तान ने यहां कई बार सैन्य अभियान चलाया है। पाकिस्तान से आजादी के लिए कई हथियारबंद अलगाववादी समूह बलूचिस्तान में सक्रिय हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और लश्कर-ए-बलूचिस्तान प्रमुख अलगाववादी समूह हैं।
पाकिस्तान में बलूचियों का अस्तित्व संकट में
पाकिस्तानी सरकारों पर बलूच आंदोलन को दबाने के साथ बलूचियों की मांग को दरकिनार करने के आरोप लगते रहे हैं। पाकिस्तान ने हजारों बलूचियों को नजरबंद किया, सेना और सरकारी नौकरियों में बलूचियों के प्रवेश पर रोक लगाई। पाक ने लोकतांत्रिक बलूच नेताओं की हत्या करवाई और कट्टरपंथियों को लगातार आर्थिक मदद दे रहा है। पाकिस्तानी सरकार पर इस इलाके में मीडिया कवरेज पर नकेल कसने का आरोप भी लगा है। यहां मानवाधिकार उल्लंघन के मामले इतने बढ़ चुके हैं कि अब बलूचियों का अस्तित्व संकट में है।