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पाक पीएम इमरान कराची में लागू करना चाह रहे अनुच्छेद 149(4), जानिए क्या है ये अनुच्छेद?

अब पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची को केंद्र शासित बनाए जाने की बात उठ रही है उधर विरोधी दलों ने इसके लिए विरोध करना शुरु कर दिया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 08:38 AM (IST)
पाक पीएम इमरान कराची में लागू करना चाह रहे अनुच्छेद 149(4), जानिए क्या है ये अनुच्छेद?
पाक पीएम इमरान कराची में लागू करना चाह रहे अनुच्छेद 149(4), जानिए क्या है ये अनुच्छेद?

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक आवाज अब ये भी उठ रही है कि पाकिस्तान के कराची शहर में सरकार अनुच्छेद 149(4) लागू करना चाह रही है, इस अनुच्छेद के लागू हो जाने के बाद कराची केंद्र शासित शहर बन जाएगा, इस तरह की बातें सामने आने के बाद अब पाक में दूसरे दलों के नेता इसका विरोध करने की भी तैयारी करने में लग गए हैं। कराची पाकिस्तान के सबसे बड़े शहरों में गिना जाता है, जिस तरह से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई मानी जाती है उसी तरह से पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची को कहा जाता है। अकेले कराची शहर की आबादी ही दो करोड़ से अधिक है। कराची दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में भी शुमार है।

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बंटवारे के बाद आबाद हुआ कराची
दरअसल देश के बंटवारे के बाद भारत से गए बहुत से लोग कराची और इसके आसपास के इलाकों में बसते गए, उस समय यहां के कुछ संगठनों की यहां पर राज चलता था। बताया जाता है कि जिस तरह से साठ और सत्तर के दशक में मुंबई में गैंगवार जैसी चीजें होती रहती थी ठीक वही हाल पाकिस्तान के कराची शहर का था। यहां भी गैंगवार चरम पर रहता था। उसके बाद जब अफगानिस्तान युद्ध हुआ, तो वहां से आए तमाम संगठनों ने भी अपने ठिकाने कराची में ही बना लिए। अलग-अलग जगहों से आए और यहां बसे लोगों ने अपने हिसाब से काम करना शुरु कर दिया जिससे कराची में अराजकता का राज हो गया। 

शासन प्रशासन के नियम कानून ताख पर रख दिए गए। साल 2013 में दुनिया के तमाम बड़े शहरों के बीच एक सर्वे हुआ उसमें सामने आया कि कराची दुनिया का सबसे खतरनाक शहर है। यहां राजनीतिक गैंगवार और अपहरण जैसी घटनाएं आए दिन होती रहती थी। अब बीते दो सालों से पाकिस्तान की फौज ने कराची में इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। सेना की कार्रवाई की वजह से अब यहां गली-मोहल्लों में होने वाले गैंगवार पर रोक लगी है। इसके अलावा अन्य घटनाएं भी कम हो रही हैं।

क्या है अनुच्छेद 149 (4)
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 149 (4) के अनुसार केंद्र सरकार किसी प्रांत की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले सकता है। ऐसा देश के आर्थिक हितों या शांति के लिए पैदा हुए किसी भी गंभीर खतरे से निपटने के लिए कर सकता है। पाक के कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा है कि ये संविधान का एक स्वतंत्र अनुच्छेद है और ये केंद्र सरकार को अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है। शांति और आर्थिक हालात के लिए गंभीर खतरे की स्थिति में केंद्र प्रांतीय सरकार को दिशा निर्देश जारी कर सकता है। उनका कहना है कि यह अनुच्छेद सरकार को किसी राज्य की राजधानी के प्रशासन और वहां चल रहे किसी भी प्रोजेक्ट को अपने नियंत्रण में लेने का आधिकार देता है।

कराची है दुनिया का सबसे खतरनाक शहर 
आज के समय में कराची दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में गिना जाता है, ये कई चरमपंथी संगठनों का गढ़ रहा है। कराची के बुरे हालातों को देखते हुए ही तमाम देश अपने नागरिकों को पाकिस्तान आने-जाने से रोकते हैं। पेशावर से लेकर क्वेटा तक आए दिन यहां चरमपंथी घटनाएं होती रहती हैं। अमरीका से लेकर भारत तक के सांसद, पाकिस्तान को चरमपंथी देश घोषित करने की मांग करते रहते हैं। आजादी से पहले कराची, बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा हुआ करता था। बाद में अंग्रेजों ने बॉम्बे प्रेसीडेंसी से अलग सिंध सूबा बनाकर कराची को इसकी राजधानी बनाया। पाकिस्तान का कराची और भारत का शहर मुंबई एक दौर में एक जैसे हुआ करते थे।

कानून मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद लागू करने का सही समय
केंद्रीय कानून मंत्री डॉ फरोग नसीम ने एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में कहा भी है कि कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक़्त आ गया है। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही इस योजना को कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने भी रखेंगे और उसे लागू करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी बनाई गई है और वो इस प्रस्ताव को इस कमेटी के सामने रखेंगे, उसके बाद कमेटी ही इन चीजों को तय करेगी।

उनका कहना है कि यदि कमेटी सहमत होगी तो इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। यदि कैबिनेट की मंजूरी मिलती है तो इसको लागू कर दिया जाएगा, यदि कैबिनेट ने सहमति नहीं दी तो प्रस्ताव रुक जाएगा। फिलहाल इस अनुच्छेद को लागू करने की बात सामने आते ही अन्य दल विरोध की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। 

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