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बदहाली थामने के लिए एर्दोगन को लुभाने में जुटे इमरान तो बाजवा ने सऊदी को मनाने की संभाली कमान

बदहाल पाकिस्‍तान को समस्याओं से निकालने के लिए पीएम इमरान खान तुर्की के राष्ट्रपति को लुभाने में जुटे हैं जबकि बाजवा ने सऊदी को मनाने के लिए कमान संभाली है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 06:04 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 04:14 PM (IST)
बदहाली थामने के लिए एर्दोगन को लुभाने में जुटे इमरान तो बाजवा ने सऊदी को मनाने की संभाली कमान
बदहाली थामने के लिए एर्दोगन को लुभाने में जुटे इमरान तो बाजवा ने सऊदी को मनाने की संभाली कमान

इस्‍लामाबाद/नई दिल्‍ली, आइएएनएस। कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं देने के कारण आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) को दो-फाड़ कर देने की धमकी देना पाकिस्तान को भार पड़ गया है। पाकिस्तान से सऊदी अरब की नाराजगी के बीच इमरान खान आर्थिक बदहाली झेल रहे अपने मुल्‍क को समस्याओं से निजात दिलाने की उम्मीद में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को लुभाने में जुट गए हैं। वहीं पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब का गुस्सा शांत करने के लिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को मनाने की कोशिशें कर रहे हैं।

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एर्दोगन से नजदीकी पर चिढ़ा सऊदी

बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने से सऊदी अरब नाराज है और उसने पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर रोक लगा दी है। सऊदी ने पाकिस्तान को उधार में तेल देना बंद कर दिया है। इससे खस्‍ताहाल पाकिस्‍तान की सांसे फूलने लगी हैं। इस्लामाबाद के सूत्रों ने बताया कि मुल्‍क के हुक्‍मरानों की गलतियों को दुरुस्‍त करने के लिए जनरल बाजवा रियाद का दौरा कर रहे हैं। पाकिस्‍तान को इस दौरे का फायदा मिलेगा यह कहना मुश्किल है क्‍योंकि पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों की तुर्की के एर्दोगन के साथ नजदीकी से सऊदी चिढ़ा हुआ है।

दिखावा करने पहुंचे बाजवा

एर्दोगन सऊदी नेतृत्व को खुलेआम चुनौती देते रहे हैं। इसलिए एकसाथ दोनों देशों को साधना पाकिस्‍तान के लिए दिवास्‍वप्‍न देखने जैसा है। सूत्रों ने बताया कि बाजवा यह दिखावा करने के लिए रियाद गए हैं कि पाकिस्तान तटस्थ है। बाजवा मोहम्मद बिन सलमान से अरबों डॉलर कर्ज लेने की कोशिशें कर रहे हैं ताकि इस्लामाबाद में पाकिस्तान सेना का दबदबा बरकरार रहे। ऐसे में जब पाकिस्‍तानी हुक्‍मरान तुर्की, मलेशिया और ईरान के साथ गलबहिंया कर रहे हैं, बाजवा सऊदी अरब को कितना मना पाएंगे यह वक्‍त बताएगा।

हुक्‍मरानों की फूल रही सांसें, बाजवा ने संभाली कमान

उल्‍लेखनीय है कि आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने 2018 में सऊदी अरब से 6.2 अरब डॉलर कर्ज लिए थे। कर्ज पैकेज के समझौते के मुताबिक, पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) का तेल उधार में देने का प्रावधान किया गया था। इस प्रावधान की मियाद दो महीने पहले ही खत्म हो चुकी है। यही नहीं सऊदी ने पाकिस्‍तान को अब उधार में तेल देना बंद कर दिया है। यही कारण है कि पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों की सांसें फूलने लगी हैं और आखिरकार पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को सऊदी अरब को मनाने की कमान खुद संभालनी पड़ी है।

लीपापोती की कोशिशों में जुटा पाक

कश्‍मीर मसले पर साथ नहीं देने से गुस्‍साए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक टीवी कार्यक्रम में बीते दिनों सऊदी अरब को धमकी दे डाली थी। कुरैशी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने ओआइसी के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक नहीं बुलाई तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह गुजारिश करने के लिए विवश हो जाऊंगा कि वे खुद उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर मसले पर हमारा साथ देने के लिए तैयार हैं। शाह महमूद कुरैशी का यही बयान पाकिस्‍तान पर भारी पड़ गया है जिस पर लीपापोती की कोशिशें जारी हैं। 


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