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इमरान खान का देश के नाम पहला संबोधन, दिखी PM मोदी के सपनों की झलक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के देश के नाम पहले संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की झलक नजर आई।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 12:43 PM (IST)
इमरान खान का देश के नाम पहला संबोधन, दिखी PM मोदी के सपनों की झलक
इमरान खान का देश के नाम पहला संबोधन, दिखी PM मोदी के सपनों की झलक

इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने रविवार देर रात राष्ट्र के नाम अपना पहला भाषण दिया। इमरान के देश के नाम पहले संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की झलक नजर आई। उनके भाषण में स्वच्छता, शिक्षा, काला धन, भ्रष्टाचार, पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध जैसे कई मुद्दे शामिल थे।

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देश के नाम इमरान खान का पहला संबोधन

- स्वच्छता को धर्म से जोड़ा
जिस तरह भारत में पीएम मोदी ने 'स्वच्छ भारत अभियान' की नींव रखी। कुछ उसी तरह इमरान भी अपने भाषण में स्वच्छता का संदेश देते दिखे। उन्होंने स्वच्छता को धर्म से जोड़ते हुए कहा है कि पूरे पाकिस्तान में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की जाएगी। ताकि पाकिस्तान स्वच्छता और सुंदरता के मामले में यूरोपीय देशों का मुकाबला कर सके।

- 50 लाख से कम बजट के 'घर' बनाएंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने भी 2020 तक हर गरीब के सिर पर छत (घर) होने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह इमरान ने भी सबको घर मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि 50 लाख से कम बजट के घर बनाए जाएंगे, ताकि सबके सिर पर छत हो। खान ने कहा, 'ये शर्म की बात है पीएम के बंगले में 524 कर्मचारी, 80 गाड़ियां और 33 बुलेट प्रूफ गाड़ियां है। इसके अलावा हेलिकॉप्टर और विमान भी हैं। वहीं, मुख्यमंत्री, गवर्नर, कमिश्नर के बड़े-बड़े बंगले हैं, जबकि आजादी के बाद देश की बड़ी आबादी के सिर पर अभी भी छत नहीं है।' 

- विदेश नीति पर जोर
इमरान खान ने अपने भाषण में माना है कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए पड़ोसी मुल्कों से संबंध सुधारने होंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बात की है। जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते।' हालांकि, इमरान ने अपने भाषण में भारत समेत किसी भी पड़ोसी देश का नाम नहीं लिया। इमरान खान ने कहा कि यदि पाकिस्तान की दिशा नहीं बदली तो उसका विनाश तय है।

- भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान
इमरान खान के भाषण से यह भी साफ लग रहा है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का गृह मंत्रालय उन्होंने अपने पास इसलिए रखा है, क्योंकि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ने जा रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने देश की जनता का साथ मांगा है। याद हो तो प्रधानमंत्री मोदी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कहते कई बार नजर आए हैं।

- विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी, देश भेजें पैसा
अक्सर आपने पीएम मोदी को अप्रवासी भारतीयों को देश में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हुए सुना होगा। कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी करते दिखे। उन्होंने देश के आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी देश में पैसा भेजें, यहां के बैकों में रखे। जिससे देश को डॉलर की कमी से निजात दिलाने में मदद मिले। खान ने कहा कि उनका सपना पाकिस्तान को इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने का है।

- शिक्षा में सुधार, मदरसों पर दिया जाएगा ध्यान
प्रधानमंत्री ने सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करने का वादा किया और कहा कि उनकी सरकार मदरसों को नहीं भूलेगी। खान ने कहा, 'हम मदरसों में भी शिक्षा के मानक को बढ़ाएंगे।' खान ने कहा, 'सरकारी स्कूल बदहाल स्थिति में हैं। मुझे पता है कि वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा उनके बच्चों को सभ्य शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े बलिदान करने पड़ते हैं। उन्हें कभी-कभी दो नौकरियां भी करनी पड़ती हैं। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे सरकारी स्कूल पर्याप्त हों, कि हर कोई अपने बच्चों को यहां भेज सके। यह एक आपात स्थिति है।'

- बाल दुर्व्यवहार के मामलों पर होगी सख्त कार्रवाई
इमरान खान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बाल शोषण के मामलों पर सख्त कार्रवाई करेगी और कहा कि ऐसे मामलों के खिलाफ कार्य करने के लिए मानवाधिकार मंत्रालय का गठन किया गया है।

- स्वास्थ्य देखभाल में सुधार
खान ने सरकारी अस्पतालों के मानक में सुधार और देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार करने की भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हेल्थकेयर सिस्टम को ठीक करना एक कठिन कार्य होगा, लेकिन ऐसा करना आवश्यक था। उन्होंने कहा, 'हमें पूरे पाकिस्तान में स्वास्थ्य कार्ड पेश करने की भी आवश्यकता है। स्वास्थ्य देखभाल आपात स्थिति के मामले में हमने ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के हर घर में 550,000 रुपये दिए हैं। हमें इसे पूरे पाकिस्तान में देना चाहिए।'

- कानून सर्वोच्च रखा जाना चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून हर कीमत पर सर्वोच्च रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें मुख्य न्यायाधीश से मिलना है और लंबित मामलों को हल करने से संबंधित मुद्दों को ठीक करना है। नागरिक मामलों को एक वर्ष से आगे नहीं बढ़ना चाहिए। हम इसके लिए एक प्रणाली लाएंगे। मैं देश में विधवाओं के लंबित मामलों को कम से कम हल करने के लिए मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करना चाहता हूं।'


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