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पाकिस्तान के गृह मंत्री बोले-अफगान शरणार्थियों के लिए नए कैंप नहीं बना रहा पाक

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार देश में रहने वाले लगभग आधे शरणार्थी अवैध हैं क्योंकि उन्होंने देश में अपना पंजीकरण नहीं करवाया है। आधिकारिक तौर पर लगभग 1.5 मिलियन (15 लाख) शरणार्थी ही पंजीकृत हैं और उनके पास सीमा पार जाने के लिए दस्तावेज हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 02:52 PM (IST)
पाकिस्तान के गृह मंत्री बोले-अफगान शरणार्थियों के लिए नए कैंप नहीं बना रहा पाक
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लगभग 4,000 लोगों को वीजा और यात्रा दस्तावेज जारी किए हैं।

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा है कि काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से युद्धग्रस्त पड़ोसी देश से भागने की कोशिश कर रहे अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान कोई नया शिविर स्थापित नहीं कर रहा है। रविवार को तोरखम सीमा के दौरे के दौरान राशिद ने कहा कि सीमा पर कोई अफगान शरणार्थी नहीं है और सरकार ने इलाके में कोई शिविर स्थापित नहीं किया है।

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पाकिस्तान में पहले से ही लगभग तीस लाख अफगान शरणार्थी हैं और ऐसी खबरें आ रही थीं कि सीमा पर लोग इकट्ठा होकर पाकिस्तान में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान में रहने वाले लगभग आधे शरणार्थी अवैध हैं, क्योंकि उन्होंने देश में अपना पंजीकरण नहीं करवाया है। आधिकारिक तौर पर लगभग 1.5 मिलियन (15 लाख) शरणार्थी पंजीकृत हैं और उनके पास रहने, कारोबार करने और सीमा पार जाने के लिए दस्तावेज हैं।                                   

अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज के बाद से ही पाकिस्तान कह रहा है कि वह और शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन उसके मंत्री इसपर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है, जबकि सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि महिलाओं और बच्चों को लेकर को लेकर हमारी नीति अलग है। हालांकि अभी तक कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है।

आधिकारिक तौर पर यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लगभग 4,000 लोगों को पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए वीजा और यात्रा दस्तावेज जारी किए हैं। 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था। विदेशी सेनाओं के अफगानिस्तान छोड़ने की डेडलाइन से दो हफ्ते पहले ही विद्रोहियों ने देश के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था।


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