टीएलपी के खिलाफ इमरान सरकार ने बल प्रयोग का दिया था आदेश, सेना की वजह से बदला रुख
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो आतंकी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के खिलाफ बल प्रयोग का आदेश दिया था लेकिन पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी थी। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डान में इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो आतंकी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के खिलाफ बल प्रयोग का आदेश दिया था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी थी। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डान में इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। सूत्रों का कहना है कि तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने टीएलपी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने को कहा था, लेकिन पाकिस्तानी सेना की राय इससे एकदम अलग थी इसलिए इसका पालन नहीं हुआ।
जैसे ही प्रधानमंत्री ने यह आदेश जारी करते हुए शासन को इसके लिए अधिकृत किया, वैसे ही सेना के नेतृत्व ने उनके इस फैसले की समीक्षा कर डाली और इस आपरेशन के नफा-नुकसान को तौला। उन्होंने देखा कि अगर प्रदर्शनकारी नहीं माने और उनके खिलाफ सबसे कड़ा कदम उठाते हुए गोली चलानी पड़ी तो उसका क्या असर होगा। सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने टीएलपी के लोगों के खिलाफ कार्रवाई के हर पहलू को टटोला और कोई भी कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि यह चर्चा 29 अक्टूबर को लाल मस्जिद और माडल टाउन की घटना को लेकर हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था।
इस बैठक की जानकारी रखने वाले लोगों ने पाकिस्तानी अखबार डान से इस बात की पुष्टि की है कि सेना प्रमुख ने कहा था कि यदि निर्णय लेने वाले टीएलपी के खिलाफ बल प्रयोग के लिए कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं, तो सेना आदेश के अनुसार काम करेगी। जब तक यह बैठक हुई, तब तक सरकार सख्त रुख अपना चुकी थी। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने 27 अक्टूबर को कैबिनेट को बताते हुए प्रधानमंत्री के हवाले से कहा था कि सरकार किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने और चुनौती देने की अनुमति नहीं देगी। हालांकि, सैन्य नेतृत्व ने बल प्रयोग के खिलाफ सलाह देते हुए कहा कि यह कोई समाधान नहीं है।