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Pakistan News: आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को बड़ा झटका, पेट्रोल-डीजल की कमी के बीच पेट्रोलियम डीलरों ने की हड़ताल की घोषणा

बढ़ते ऊर्जा संकट और बिजली की उच्च लागत के कारण उनके लाभ मार्जिन में तेज गिरावट देखी गई। पीपीडीए के अध्यक्ष ने आर्थिक अस्थिरता और ऊर्जा और ईंधन की बढ़ती मांग के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार की भी आलोचना की है।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:25 PM (IST)
Pakistan News: आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को बड़ा झटका, पेट्रोल-डीजल की कमी के बीच पेट्रोलियम डीलरों ने की हड़ताल की घोषणा
पाकिस्तान के पेट्रोल आउटलेट मालिकों ने 18 जुलाई, 2022 से पूरी तरह से हड़ताल की घोषणा की है। (फोटो- एएनआइ)

कराची, एएनआइ। पाकिस्तान के पेट्रोल आउटलेट मालिकों ने 18 जुलाई, 2022 से पूरी तरह से हड़ताल की घोषणा की है, क्योंकि देश में ऊर्जा संकट जारी है। पाकिस्तान का मासिक ईधन तेल आयात जून में चार साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है। द न्यूज इंटरनेशनल ने रिफाइनिटिव डेटा का हवाला देते हुए बताया कि देश भारी गर्मी के बीच बिजली उत्पादन के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने के लिए संघर्ष कर रहा है।

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द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, आयात पिछली बार मई 2018 में 680,000 टन और जून 2017 में 741,000 टन पर पहुंच गया था। वर्तमान में डीलरों को डीजल पर 3.20 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 3.90 रुपये प्रति लीटर की दर से कर कटौती के बाद मार्जिन मिल रहा है, हालांकि पिछली पीटीआई सरकार ने उनसे वादा किया था कि मार्जिन को बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत किया जाएगा। डॉन के अनुसार, पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (पीपीडीए) के अध्यक्ष अब्दुल सामी खान ने कहा, "कम मार्जिन उन्हें अपने कारोबार को बंद करने के लिए मजबूर कर रहा है और इसे 6 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।"

पीपीडीए के अध्यक्ष ने आर्थिक अस्थिरता और ऊर्जा और ईधन की बढ़ती मांग के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार की भी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने बताया कि डीलरों को ईधन की कीमतों में बढ़ोतरी से कुछ नहीं मिलता है और जब तक उनकी समस्याएं हैं तब तक विरोध जारी रखने की कसम खाई।

उन्होंने कहा कि डीलरों की प्रति लीटर कीमत 5 रुपये हो गई है, जबकि बिजली की लागत पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के राजनीतिक नतीजों से बुरी तरह प्रभावित हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत कम उपलब्ध होने के कारण पाकिस्तान का ऊर्जा संकट और अधिक खराब होने वाला है क्योंकि देश एलएनजी को सस्ती दर पर खरीदने के लिए संघर्ष कर रहा है। इसके अलावा, ईधन की कीमतों में वृद्धि के बाद पाकिस्तान के ऊर्जा उत्पादन की लागत में भी वृद्धि हुई है।

पाकिस्तान की दो-तिहाई बिजली उत्पादन जीवाश्म ईधन पर आधारित है। एलएनजी की बढ़ती लागत के कारण ऊर्जा संकट बिगड़ता जा रहा है और पाकिस्तान ऊर्जा संसाधनों की कमी के कारण लगातार तीसरे शीतकालीन ऊर्जा संकट का सामना करने के लिए तैयार है।


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