गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर ना'पाक' चाल चल रहा पाकिस्तान, 18 अगस्त को चुनाव कराने की घोषणा
भारत पाकिस्तान को ये स्पष्ट रूप से बताचुका ह कि जम्मू-कश्मीर लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्र भी शामिल हैं यह देश का अभिन्न हिस्सा है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। भारत की ओर से पाकिस्तान को ये बार-बार स्पष्ट किए जाने के बावजूद कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्र भी शामिल हैं और वह देश का अभिन्न हिस्सा हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर नापाक चालें चल रहा है। पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर लगातार अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह 18 अगस्त को गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराएगा। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने देश की शीर्ष अदालत द्वारा क्षेत्र में मतदान की अनुमति देने के बाद इसकी घोषणा की है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए 2018 प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की अनुमति दी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन के एक बयान के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) विधानसभा के लिए आम चुनावों के मतदान दिवस के रूप में 18 अगस्त, 2020 को मंजूरी दी।
बता दें, भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट रूप से बता दिया था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्र भी शामिल हैं और वह देश का अभिन्न हिस्सा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ये साफ किया है कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी कोर्ट के पास अवैध रूप से और जबरन कब्जे वाले इलाकों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, गिलगित बाल्टिस्तान चुनाव आयोग 24 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोजित करेगा।
भारत ने कही थी ये बात
पिछले महीने नई दिल्ली में एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक को एक अपाचे जारी किया और शीर्ष अदालत के फैसले पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने पाकिस्तान को यह भी स्पष्ट रूप से बता दिया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश, जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, देश का अभिन्न हिस्सा हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी न्यायपालिका के पास अवैध रूप से और जबरन कब्जे वाले क्षेत्रों पर कोई लोकल स्टैंड नहीं है।