पाकिस्तान भूल नहीं पा रहा बालाकोट एयरस्ट्राइक, सता रहा एक और हमले का डर
इमरान ने कहा है कि नागरिकता कानून के विरोध को ठंडा करने के लिए भारत सरकार पाकिस्तान पर हमले जैसा कदम उठ सकती है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी बालाकोट पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले को भूल नहीं पा रहे हैं। तभी वो इस बात से इतने ज्यादा आशंकित हो गए हैं कि उन्हें एक और हमले का डर सता रहा है। इमरान इस डर के पीछे की वजह नागरिकता कानून को बता रहे हैं।
भारत को गीदड़ भभकी देते हुए इमरान ने कहा है कि नागरिकता कानून के विरोध को ठंडा करने के लिए भारत सरकार पाकिस्तान पर हमले जैसा कदम उठ सकती है। अगर ऐसा कुछ होता है तो पाकिस्तान उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
इस बात से बौखलाए इमरान ने लगातार कई ट्वीट कर कहा, भारत जैसे-जैसे आंदोलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे भारत की ओर से पाकिस्तान के लिए खतरा भी बढ़ रहा है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी यही संकेत करती है।'
उल्लेखनीय है कि जनरल रावत ने बुधवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तनाव कभी भी बढ़ सकता है, भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। जनरल रावत का बयान पाकिस्तानी सेना के बार-बार के संघर्षविराम उल्लंघन की बाबत आया था। जम्मू-कश्मीर से अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तानी सेना बार-बार सीमापार से फायरिंग कर उकसावे की कोशिश कर रही है। ध्यान बांटकर आतंकियों को भारत में भेजना चाह रही है।
डरे हुए इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेताया है कि भारत ने पाकिस्तानी धरती के भीतर अब कोई कार्रवाई की तो पाकिस्तान के पास उसका करारा जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। भारत घरेलू समस्या से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर सकता है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उसे रोके।
बता दें कि इमरान इससे पहले भी भारत के नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर चुके हैं। इससे पहले पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि जनरल रावत ने सैन्य कार्रवाई का बयान देकर भारत की घरेलू समस्या से ध्यान हटाने का प्रयास किया है।