पाक ने पहली बार माना, कराची में रहता है दाऊद, FATF के एक्शन से बचने के लिए हाफिज और मसूद पर भी सख्ती
एफएटीएफ के एक्शन से बचने की कोशिशों के तहत पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और हाफिज सईद मसूद अजहर और दाऊद इब्राहीम समेत सरगनाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान ने 27 साल तक ना-नुकूर करने के बाद आखिरकार यह बात कबूल ली कि 1993 के मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम वहीं रहता है। पाकिस्तान द्वारा जारी 88 आतंकियों की सूची में दाऊद का भी नाम है। यह भी बताया गया है कि दाऊद 14 पासपोर्ट रखता है और कराची में उसके तीन घर हैं। फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) के ब्लैक लिस्ट में आने से बचने के लिए पाकिस्तान ने इन आतंकियों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं। इन सभी की संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया गया है। इन पर ट्रैवल बैन भी लगाया गया है।
मुंबई बम धमाकों में हुई थी 257 लोगों की मौत
1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद दाऊद पाकिस्तान भाग गया था। इन धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और करीब 1400 लोग घायल हुए थे। इसके बाद से ही दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने की खबरें आती रहीं लेकिन इस्लामाबाद ने कभी कबूला नहीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन आतंकियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें जमात-उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर भी शामिल है। हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, टीटीपी, अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों और उसके सरगनाओं पर भी प्रतिबंध सख्त किए गए हैं।
इन सरगनाओं पर लेना पड़ा एक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम के साथ साथ जिन आतंकियों पर प्रतिबंधों को सख्त किया गया है उनमें हाफिज सईद, मसूद अजहर, मुल्ला फजलुल्ला (उर्फ मुल्ला रेडियो), जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेताओं जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी और उनके सहयोगी शामिल हैं। यही नहीं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-झांगवी, तारिक गीदर समूह, हरकतुल मुहाहिदीन, अल रशाीद ट्रस्ट, तंजिम खुत्ब इमाम बुखारी, राबिता ट्रस्ट लाहौर आदि संगठनों के नेताओं पर भी प्रतिबंधों को सख्त किया गया है।
यूएनएससी के आदेश पर कार्रवाई
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सूची में शामिल आतंकवादियों के वित्तीय संस्थानों से लेनदेन करने और हथियार खरीदने पर भी रोक रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने हाल ही में पाकिस्तान को इन आतंकियों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। बता दें कि पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force, FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था लेकिन आतंकियों पर कार्रवाई करने में हीलाहवाली करने के चलते पाकिस्तान अब तक इस सूची से अब तक बाहर नहीं निकल पाया है।
पाकिस्तान ने क्यों कबूला
बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान ने इतने साल बाद अपने यहां दाऊद की मौजूदगी क्यों कबूली और उसके बारे में इतनी सारी सूचनाएं क्यों सार्वजनिक कर दी। दरअसल, पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है और उस पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। उसे सितंबर तक इस संगठन की 27 सूत्री कार्य योजना पर अमल करना है। अक्टूबर में होनी वाली एफएटीएफ की बैठक में इसकी समीक्षा होगी। इसी को देखते हुए पाकिस्तान ने यह कदम उठाया। पाकिस्तान को उम्मीद है कि आतंकियों का नाम उजागर कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने से वह ग्रे लिस्ट से निकल सकता है।
बदहाल है अर्थव्यवस्था
दुनियाभर में मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ की सिफारिशों का काफी महत्व है। पाकिस्तान अगर ग्रे लिस्ट में बना रहता है या फिर ब्लैक लिस्ट हो जाता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, यूरोपियन यूनियन जैसी वैश्विक संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में पहले से ही कंगाल पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद हो सकता है। पाकिस्तान की मुश्किल यह भी है कि सऊदी अरब ने उसे कर्ज और उधार तेल देने से भी मना कर दिया है। इसके अलावा, उसे इस साल के अंत तक अरबों डॉलर का कर्ज भी वापस करना है। इन्हीं मजबूरियों ने पाकिस्तान को सच का सामना करने के लिए विवश कर दिया।
दाऊद को सौंपे पाकिस्तान : शाहनवाज
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम भारत को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा, पाकिस्तान जानता है कि उसने दाऊद को शरण दे रखा है। उसके बच्चे की शादी पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेटर के यहां हुई है। पाकिस्तान का हर आदमी जानता है कि वह कराची में रह रहा है। हालांकि, आज से पहले उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। अब पाकिस्तान को तत्काल उसे भारत को सौंप देना चाहिए, क्योंकि वह हमारे यहां मोस्ट वांटेड है। उन्होंने कहा कि वह अब भी भारत में होने वाले अपराधों में शामिल रहता है। कई अपराध दाऊद के जरिये किए जाते हैं।