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भारत के पास राफेल लड़ाकू विमान आने से डरा पाकिस्‍तान, दुनिया से लगाई ये गुहार

पाकिस्‍तान ने कहा कि भारत के इस कदम से दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है जिसकी वजह से माहौल अशांत हो जाएगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 04:49 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:53 AM (IST)
भारत के पास राफेल लड़ाकू विमान आने से डरा पाकिस्‍तान, दुनिया से लगाई ये गुहार
भारत के पास राफेल लड़ाकू विमान आने से डरा पाकिस्‍तान, दुनिया से लगाई ये गुहार

इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। राफेल लड़ाकू विमान के भारत आते ही पाकिस्‍तान की बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों से कहीं ज्‍यादा हथियार जुटाने में लगा हुआ है। भारत के इस कदम से दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है, जिसकी वजह से माहौल अशांत हो जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्‍तान ने वैश्विक स्‍तर पर भी अपील कर भारत को हथियार जमा करने से रोकने की अपील की है। बता दें कि राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से भारत बुधवार को पहुंच गई है।

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पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता आयशा फारूकी ने साप्‍ताहिक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने वो रिपोर्ट देखी, जिसमें बताया गया है कि भारतीय वायु सेना को पांच राफेल विमान की पहली खेप मिल गई है। यह बेहद परेशान करने वाला है कि भारत लगातार अपनी जरूरत से ज्‍यादा सैन्‍य क्षमता जमा कर रहा है। भारत अब दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश बन गया है। यह दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।'

उन्‍होंने कहा, 'भारत द्वारा क्षमता से ज्‍यादा हथियार जुटाना पाकिस्‍तान के लिए भी शुभ संकेत नहीं हैं। यह परेशान करने वाली बात है। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को इस पर ध्‍यान देना चाहिए।' बता दें कि राफेल के खौफ आलम यह है कि इन विमानों के आने से ठीक पहले पाकिस्‍तान के एयरफोर्स चीफ को आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से आपात बैठक करनी पड़ी है। उधर, चीन भी राफेल के आने के बाद जरूर बौखलाया है। हालांकि, अभी तक चीन की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

बता दें कि वायुसेना के नये सरताज राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप ने बुधवार को अंबाला एयरफोर्स बेस पर उतरते ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में एक नया अध्याय जोड़ दिया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों में गिने जाने वाले राफेल से मिली नई ताकत के जोश से सरोबार वायुसेना ने भी भारतीय आकाश क्षेत्र में प्रवेश से लेकर अंबाला में हुई लैंडिंग तक इनकी जोरदार अगवानी की। 

रुस से खरीदे गए सुखोई विमानों के पश्चात करीब 23 साल बाद वायुसेना ने नये जेनरेशन का लड़ाकू जेट राफेल हासिल किया है। राफेल के भारत पहुंचने पर सरकार से लेकर वायुसेना के उत्साह की वजह इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता और खासियतें हैं। राफेल 4.5 जेनरेशन का मल्टी रोल कांबेट एयरक्रॉफ्ट है जो आकाश से जमीन पर और आकाश से आकाश दोनों में ही दुश्मन पर धावा बोलने में सक्षम है। एक बार ईधन भरने पर 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसकी स्पीड इतनी है कि एक मिनट में ही राफेल 60000 फीट की उंचाई पर जा सकता है और 2130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से यह उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता करीब 3700 किमी तक है। सबसे खास बात यह है कि राफेल जेट मिटियोर, स्कैल्प और बीवीआर जैसे अति आधुनिक मिसाइलों और हथियारों से लैस हैं। इसकी रडार प्रणाली भी बेहद मजबूत है और यह परमाणु मिसाइलों के संचालन की भी पूरी क्षमता रखता है। 

जाहिर तौर पर राफेल विमानों की यह ताकत चीन और पाकिस्तान की चुनौती का सामना करने में वायुसेना को नई छलांग देगी। राजनाथ सिंह ने कहा भी कि भारत के किसी खतरे की चुनौती का जवाब देने के लिए राफेल वायुसेना को मजबूती देंगे।


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