जमात उद दावा के छात्रों को सरकारी स्कूलों में भेजेगी पाक सरकार
टेरर फंडिंग की अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ता संस्था ने कथित मदरसों को दी गई वित्तीय सहायता पर जताई आपत्ति।
लाहौर, प्रेट्र। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) व फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) द्वारा संचालित कथित मदरसों के छात्रों को पाकिस्तान सरकार शासकीय स्कूलों में दाखिला दिलाएगी। इन संगठनों को दी गई 180 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता पर टेरर फंडिंग की अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ता संस्था द्वारा जताई गई आपत्ति के बाद सरकार ऐसी योजना बना रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा जेयूडी और एफआइएफ के मदरसों को दी गई 180 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा, 'सरकार एफएटीएफ को यह विश्वास दिलाने में नाकाम रही कि मार्च में नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद अच्छी संख्या में जेयूडी व एफआइएफ के मदरसों तथा स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
ऐसे में इमरान खान सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाए।' अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा दोनों संगठनों को इतनी बड़ी राशि दिए जाने को लेकर एफएटीएफ सशंकित है।
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तानी सरकार को जैश ए मोहम्मद, जेयूडी और एफआइएफ द्वारा संचालित मदरसों को या तो सील करना पड़ा था या उनका संचालन अपने हाथ में लेना पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2019 में दिए गए आदेश के बाद पाकिस्तान सरकार को इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी पड़ी है। सुरक्षा परिषद ने उन संगठन और व्यक्तियों को आतंकी नामित किया है।
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