पाकिस्तान में लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे मौलवी, रोक के बावजूद मस्जिदों में आ रहे लोग
पाकिस्तान में मौलवी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीजों में एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो मस्जिदों में इबादत के लिए आते हैं।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार हाथ-पैर मार रही है, लेकिन कट्टरपंथी मौलवी लॉकडाउन के नियमों को नहीं मान रहे हैं। यही वजह है कि देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 7,481 हो गई है। मरीजों में एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो मौलवियों के कहने पर मस्जिदों में इबादत के लिए आते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शुक्रवार को हुई आठ लोगों की मौत के साथ बीमारी से अब तक 143 लोगों की जान जा चुकी है।
मौलवियों की हठधर्मिता को देखते हुए शुक्रवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सीनेटर सिराजुल हक, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम- फजल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, मरकजी जमीयत अहले हदीस के प्रमुख सीनेटर साजिद मीर और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता राणा तनवीर हुसैन के साथ वार्ता की। रमजान महीने के दौरान मस्जिदों में भीड़ एकत्र नहीं हो, इसके लिए बातचीत आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री इमरान खान के भी धार्मिक नेताओं से मुलाकात की उम्मीद है।
अब तक तब्लीगी जमात ने सरकार को सहयोग करने का वादा किया है और इसके प्रमुख मौलाना नजरूल रहमान ने अपने अनुयायियों से सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। हालांकि कट्टरपंथी मौलवियों ने सरकार से मस्जिदों में इबादत के मसले पर हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है। देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में 3,391, सिंध में 2,217, खैबर-पख्तूनख्वा में 1,077, बलूचिस्तान में 335, गिलगित-बाल्टिस्तान में 250, इस्लामाबाद में 163 और गुलाम कश्मीर में 48 कोरोना के मरीज हैं।