पाकिस्तान में टीएलपी का प्रदर्शन जारी, पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ाकर मारी गोलियां; सरकार ने प्रदर्शनकारियों को बताया उग्रवादी
पाकिस्तान सरकार तहरीक-ए-लब्बैक के मार्च में भाग लेने वालों को रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था करने की तैयारी में है। सेना रेंजर्स और पुलिस बल प्रदर्शनकारियों को रोकेंगे। बैठक में पंजाब प्रांत में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 60 दिनों के लिए रेंजर्स की मांग भी की गई।
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का सफाया करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि टीएलपी को उग्रवादी संगठन के रूप में माना जाएगा। डान के मुताबिक, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कैबिनेट बैठक के बाद एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने टीएलपी को एक उग्रवादी संगठन के रूप में मानने का फैसला किया है और इसका सफाया कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार पहले भी ऐसे संगठनों ने निपटकर उनका सफाया कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अल कायदा जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों को हराया है।
पाकिस्तान सरकार तहरीक-ए-लब्बैक के मार्च में भाग लेने वालों को रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था करने की तैयारी में है। सेना, रेंजर्स और पुलिस बल प्रदर्शनकारियों को रोकेंगे। बैठक में पंजाब प्रांत में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 60 दिनों के लिए रेंजर्स की मांग भी की गई। सरकार ने स्पष्ट रूप से घोषणा की कि वह पाकिस्तान में फ्रांसीसी दूतावास को बंद करने की टीएलपी की मांग को पूरा नहीं कर सकती है।
चार पुलिसकर्मियों समेत आठ की मौत
बुधवार को कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) समर्थकों और पुलिस के टकराव में चार पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 250 लोग घायल हो गए हैं। लाहौर से 50 किलोमीटर दूर हुए खूनखराबे में कट्टरपंथी उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारीं। घटना में सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर हैं जिनमें से दर्जन भर से ज्यादा की हालत गंभीर है। यह टकराव टीएलपी के मुखिया साद रिजवी की जेल से रिहाई और फ्रांसीसी राजदूत को देश से निकालने की मांगें पूरी न होने के चलते हुआ।
मांगें पूरी न होने के विरोध में मुरीदके और गुजरांवाला के बीच जीटी रोड पर तीन दिन से धरना दे रहे प्रतिबंधित टीएलपी के दस हजार से ज्यादा समर्थकों ने बुधवार को इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू कर दिया। पाकिस्तान सरकार के फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने से इन्कार करने के बाद यह धरना शुरू हुआ था। संगठन ने फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद की विवादित तस्वीर बनाए जाने के विरोध में वहां के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग की थी। जबकि अप्रैल में संगठन के संस्थापक मरहूम खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को पंजाब सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक राव सरदार अली खान के अनुसार बुधवार की घटना में चार पुलिस अधिकारी मारे गए हैं और 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।