पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी समारोह रद्द किया
PAK बोला- अब गुरुद्वारा पंजा साहिब में केवल प्रतीकात्मक बैसाखी समारोह मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच सिख तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य को जोखिम नहीं डाल सकते।
इस्लामाबाद,आइएएनएस। कोरोना वायरस महामारी के बीच, पाकिस्तान सरकार ने पंजाब प्रांत के गुरुद्वारा पंजा साहिब में 14 अप्रैल से शुरू होने वाले बैसाखी समारोह को रद्द कर दिया है, जिसमें भारत के 3,000 सिख और अन्य जगहों से 2,000 सिखों को भाग लेना था।
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उप सचिव, इमरान गोंडल ने सोमवार को कहा कि ईटीपीबी और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) की एक बैठक ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि इस साल हसन अब्दल शहर में धर्मस्थल पर कोई बैसाखी समारोह नहीं होगा। समाचार के अनुसार, सिख तीर्थयात्रियों की निर्धारित यात्राओं को रद्द कर दिया गया है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों को इस समागम के लिए वीजा जारी न करने के निर्देश दे दिए हैं। डॉन न्यूज ने गोंडल के हवाले से कहा, ' इस धार्मिक समागम को रद्द करने से पहले कोरोना वायरस से पैदा हुए हालातों पर गहरा मंथन किया गया। पीएसजीपीसी ने सिख तीर्थ यात्रियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए संघीय सरकार की ओर से निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन करने का फैसला किया है।'
कहा गया है कि वैश्विक कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच सिख तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर जोखिम नहीं उठाया जा सकता। बता दें कि पाकिस्तान ने बैसाखी के पावन अवसर पर गुरुद्वारा पंजा साहिब में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के लिए वीजा जारी करने को नवंबर 2019 में सभी सिख प्रतिनिधि निकायों को हरी झंडी दी थी। ETPB ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए एक शेड्यूल भी जारी किया था जिसे भारत सरकार के साथ साझा किया गया था। पाकिस्तान सरकार ने श्रद्धालुओं के रहने व अन्य व्यवस्था के सभी प्रबंध भी कर लिए थे, लेकिन कोरोना महामारी ने सभी तैयारियों पर पानी फेर दिया।
पीएसजीपीसी के महासचिव अमीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से समागम रद्द करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लेना आसान नहीं था। दुनिया भर के सिख समुदाय को इन धार्मिक समागमों से काफी भावनात्मक, धार्मिक और सांस्कृतिक लगाव है। अब गुरुद्वारा पंजा साहिब में केवल प्रतीकात्मक बैसाखी समारोह मनाया जाएगा।