विपक्षी दलों की सरकार विरोधी रैली से घबराई इमरान सरकार, 450 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
PDM के पहले बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन की घोषणा से पहले पंजाब पुलिस हरकत में आई गई है और COVID-19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के तहत पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों में 450 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। इनमें ज्यादातर कार्यकर्ता PML-N और PDM के हैं।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के पंजाब और लाहौर के विभिन्न हिस्सों में विपक्षी दलों के 450 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई शुक्रवार को केंद्र की इमरान खान सरकार के खिलाफ आयोजित होने जा रही महा प्रदर्शन रैली के मद्देनजर की गई है। बता दें कि विभिन्न विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा की थी। इसके तहत शुक्रवार को पहली सरकार विरोधी रैली का आयजन किया गया है। उससे पहले ही विपक्षी दलों के 450 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।
PDM के पहले बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन की घोषणा से पहले पंजाब पुलिस हरकत में आई गई है और COVID-19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के तहत पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों में 450 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। इनमें ज्यादातर कार्यकर्ता PML-N और PDM के हैं। गुजरांवाला, मंडी बाहुद्दीन और लाहौर के पुलिस स्टेशनों ने कोविड-19 प्रोटोकोल के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 269 और 188 के तहत 450 से अधिक विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए हैं। ये मामले कोविड-19 एसओपी का अवलोकन किए बिना सार्वजनिक सभा आयोजित करने को लेकर दर्ज किए गए हैं। इसे लेकर पूर्व प्रधानमंत्री और पीडीएम नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि विपक्ष की पहली सार्वजनिक बैठक से सरकार की घबराहट ने उसकी वास्तविकता को उजागर कर दिया है।
इससे पहले 20 सितंबर को, 11 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के गठन की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसके लिए एक्शन प्लान की भी घोषणा की गई थी। इसमें देशव्यापी सार्वजनिक बैठकें, विरोध प्रदर्शन और रैलियां शामिल हैं।
प्लान के तहत पहली सरकार-विरोधी रैली शुक्रवार को गुजरांवाला शहर में होगी, जो लाहौर से कुछ 80 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बाद दूसरी रैली 18 अक्टूबर को कराची में, 25 अक्टूबर को क्वेटा में, 22 नवंबर को पेशावर, 30 नवंबर को मुल्तान और फिर 13 दिसंबर को लाहौर में एक रैली होनी है।
विपक्षी नेताओं ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे के लिए राजनीतिक और लोकतांत्रिक विकल्पों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा विपक्षी दलों ने सेना पर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को सत्ता में लाने वाले 2018 के चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है। बता दें कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) में मुख्य रूप से तीन मुख्यविपक्षी दल नवाज शरीफ के पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी के पीपीपी और मौलाना फजलुर रहमान की जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) शामिल हैं।