सीपीईसी को जारी रखेगा कर्ज के जाल में फंसा पाकिस्तान, कहा- बाहरी दबाव नहीं होगा स्वीकार
कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने कहा है कि वह 60 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 4549 अरब रुपये) के अपने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को जारी रखेगा।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। कर्ज में डूबा पाकिस्तान 60 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 4549 अरब रुपये) के अपने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को जारी रखेगा। सीपीईसी प्राधिकार चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) असीम सलीम बाजवा ने बताया, 'इसके रास्ते में कोई राजनीतिक बाधा नहीं है। यह परियोजना पाकिस्तान के भविष्य के साथ-साथ एक ठोस वास्तविकता है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।'
बाजवा ने कहा कि परियोजना को पूरा करने का काम तेज गति से चल रहा है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बाजवा के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान अपने हित में फैसले लेता है। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि सीपीईसी परियोजना 'देश के हित में है' और इसे लेकर 'कोई बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।'
सीपीईसी सड़कों, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने के लिए है। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से गुजर रहा है। अमेरिका भी इस बुनियादी ढांचा परियोजना के गैर-पारदर्शी होने के कारण इसका आलोचक है। अमेरिका का कहना है कि इस परियोजना में विश्व बैंक द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों को ठेके मिले हैं, जिससे पाकिस्तान का कर्ज बोझ बढ़ेगा।
पहले से नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के समक्ष कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से गंभीर आर्थिक दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। आर्थिक प्रभाव से लड़ने को लेकर अतिरिक्त धन के लिए कई बहुपक्षीय कर्जदाताओं से संपर्क किया है।
बाजवा ने कहा कि ग्वादर तक दोनों मार्गो की कार्य योजना पूरी हो गई है और शेष लिंक मार्गो को अगले कुछ महीनों में योजना में जोड़ दिया जाएगा। सीपीईसी के दूसरे चरण की परियोजनाओं के बारे में बाजवा ने कहा, 'कृषि, उद्योग, व्यापार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।'
जब जनरल राहील शरीफ सेना प्रमुख थे, तब बाजवा सेना के मीडिया विंग के प्रमुख थे। उन्हें पिछले साल सीपीईसी प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया और मीडिया के साथ सरकार के संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए पिछले महीने सूचना पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक का अतिरिक्त पोर्टफोलियो दिया गया।