हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान की चुप्पी, दिया ये तर्क
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान ने चुप्पी साधी।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान ने चुप्पी साध ली है। उसने कहा कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को लेकर बेहद गंभीर है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि इस्लामाबाद हाफिज सईद समेत सभी सूचीबद्ध लोगों और समूहों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लागू करने के प्रति बेहद गंभीर है। फैसल ने कहा कि जहां तक हाफिज सईद का संबंध है, पाकिस्तान अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को बेहद गंभीरता से लेता है। सभी सूचीबद्ध लोगों और संगठनों की संपत्तियों को फ्रीज करने, हथियारों के निषेध और यात्रा प्रतिबंध से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रतिबंधों को लागू किया जा रहा है। पाकिस्तान ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के संगठन जमात-उद-दावा के चंदा इकट्ठा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश भारत के साथ जम्मू-कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन इस दिशा में ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि भारत वार्ता के लिए तैयार नहीं है। फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने लगातार सभी महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकालने के लिए समग्र, परिणाम-उन्मुख, निर्बाध बातचीत के माध्यम से आगे बढ़ाने पर जोर दिया है।
अमेरिका की फटकार के बाद पाकिस्तान की कार्रवाई
ट्रंप के नए साल के ट्वीट और पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद पर रोक का नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने हाफिज सईद से जुड़े तीन संगठनों जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा और फ़लाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर पाबंदी लगा दी। अमेरिका पहले ही हाफिज कई को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है। साल 2012 में अमेरिकी ने उसके ऊपर एक हजार करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।
भारत का दबाव, अमेरिका की फटकार
11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। साल 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रख लिया, हालांकि वह इस बात से इनकार करता रहा कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। मुंबई हमलों के बाद हाफिज सईद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए पाकिस्तान ने छह महीने से कम समय तक नजरबंद रखा था। लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था।
भारत में 2003, 2005 और 2008 में हुए आतंकी हमलों में हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। भारतीय संसद पर हमले की कड़ी भी इसी गुट से जुड़ती है। मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है, वहीं अमेरिका ने इसे विशेष निगरानी सूची में रखा है। इस बीच नजरबंदी से रिहा होने के बाद हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में हाथ आजमाने उतरा है, उसने तमाम विरोध के बावजूद मिल्ली मुस्लिम लीग का गठन किया और उसका दफ्तर भी लाहौर में खोल रखा है।
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